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मित्र देशों की जासूसी को ह्वाइट हाउस ने दी थी मंजूरी

खुफिया निगरानी से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बेखबर होने के दावों के बीच अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि कुछ विदेशी नेताओं की निगरानी को ह्वाइट हाउस और विदेश मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। एक खोजी रिपोर्ट में लॉस एंजिलिस टाइम्स टुडे ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के अि

By Edited By: Updated: Tue, 29 Oct 2013 05:08 PM (IST)
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वाशिंगटन। खुफिया निगरानी से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बेखबर होने के दावों के बीच अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि कुछ विदेशी नेताओं की निगरानी को ह्वाइट हाउस और विदेश मंत्रालय ने मंजूरी दी थी।

एक खोजी रिपोर्ट में लॉस एंजिलिस टाइम्स टुडे ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के अधिकारी ह्वाइट हाउस के उस बयान से खासे नाराज हैं जिसमें कहा गया है कि विदेशी नेताओं की निगरानी की जानकारी ओबामा को नहीं थी। पूर्व सीआइए कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों के आधार पर इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एनएसए ने जर्मनी और फ्रांस सहित 35 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की टेलीफोन पर की गई बातचीत की निगरानी की थी। इसका खुलासा होने के बाद यूरोपीय देशों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय में खासा गुस्सा है।

अखबार के अनुसार, निगरानी किस तरह की गई यह अस्पष्ट है, लेकिन यदि विदेशी नेता की गुप्त रूप से बातचीत सुनी जा रही थी तो उस देश में अमेरिकी राजदूत और ह्वाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का स्टाफ नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट पेश करता था। टाइम्स की यह रिपोर्ट दो पूर्व वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों से साक्षात्कार पर आधारित है जिन्होंने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर जानकारियों को साझा किया है। एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि विदेशी नेताओं के फोन और ई-मेल की निगरानी के एएसए के अभियान के बारे में ओबामा को न बताया गया हो, लेकिन निश्चित रूप से एनएससी और खुफिया कार्यक्रम के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी थी। एक दिन पहले ही अमेरिकी अधिकारियों ने उस रिपोर्ट का खंडन किया था जिसमें ओबामा को जर्मनी की चासंलर एंजेला मर्केल के फोन टेप किए जाने की जानकारी होने का दावा किया गया था।

शीर्ष अमेरिकी सांसद ने जताया विरोध

वाशिंगटन। शीर्ष अमेरिकी सांसद और खुफिया मामलों पर सीनेट की चयन समिति की अध्यक्ष डियाने फेस्टिन ने मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों की जासूसी किए जाने का घोर विरोध किया है। उन्होंने एनएसए के निगरानी गतिविधियों की समीक्षा किए जाने की मांग उठाई है। फेस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सहयोगी देशों फ्रांस, स्पेन, मैक्सिको, जर्मनी आदि की निगरानी का मैं स्पष्ट रूप से विरोध करती हूं।

जर्मनी ने संसद का विशेष सत्र बुलाया

बर्लिन। चांसलर एंजेला मर्केल के फोन की अमेरिका द्वारा कथित निगरानी के मसले पर जर्मनी की संसद का नवंबर में विशेष सत्र बुलाया गया है। सोमवार को मर्केल की पार्टी ने यह जानकारी दी। मर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) और सोशल डेमोक्रेट में इस मुद्दे पर सहमति बनने के बाद 18 नवंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया।

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