Move to Jagran APP

यमन के राष्ट्रपति लापता, शिया विद्रोहियों के कब्‍जे में रक्षा मंत्री

यमन में शिया हाउती विद्रोहियों ने हमले और तेज करते हुए देश के दक्षिण में पकड़ और मजबूत कर ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर हादी बुधवार को अदन स्थित राष्ट्रपति आवास को छोड़कर अज्ञात स्थान पर चले गए। हालांकि राष्ट्रपति के सहयोगियों ने उनके देश छोड़कर

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Thu, 26 Mar 2015 02:14 AM (IST)
Hero Image

सना। यमन में शिया हाउती विद्रोहियों ने हमले और तेज करते हुए देश के दक्षिण में पकड़ और मजबूत कर ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर हादी बुधवार को अदन स्थित राष्ट्रपति आवास को छोड़कर अज्ञात स्थान पर चले गए। हालांकि राष्ट्रपति के सहयोगियों ने उनके देश छोड़कर भागने की खबरों से इंकार किया है। हाउदी विद्रोहियों ने राष्ट्रपति को पकड़वाने के लिए बड़ी राशि की घोषणा की है। साथ ही रक्षा मंत्री को कैद करने का दावा किया है।

विद्रोही अदन के निकट अल अनाद स्थित हवाईअड्डे को पहले ही अपने कब्जे में ले चुके हैं। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर अदन का हवाईअड्डा बंद करके सभी सभी उड़ानें रद कर दी गई हैं। विद्रोहियों ने टीवी चैनलों पर कहा था कि उन्होंने एक एयरबेस पर अपना कब्जा कर लिया है। यह एयरबेस देश के दक्षिण में तटवर्ती शहर अदन से मात्र 60 किमी दूर है। गत वर्ष सितंबर में हाउदी विद्रोहियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति हादी ने अदन को अस्थायी ठिकाना बनाया था।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति के काफिले को हादी के महल से निकलते हुए देखा था। यमन के विदेश मंत्री रियाद यासीन ने दुबई के अल-अरबिया टीवी सेटेलाइट न्यूज नेटवर्क से कहा कि हाउदी विद्रोहियों को रोकने के लिए अरब लीग से सैन्य सहायता की मांग की गई है। अरब लीग के उप महासचिव अहमद बेन हिल्ली ने बताया, 'बुधवार को यमन के विदेश मंत्री का प्रस्ताव मिला है... बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री स्तर की बैठक में इस पर विचार होगा।' राष्ट्रपति हादी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पहले ही सैन्य सहायता देने का अनुरोध कर चुके हैं।

दूसरी ओर, अल-मसीराह न्यूज चैनल से हाउदी विद्रोहियों के प्रवक्ता मुहम्मद अब्दुल सलाम ने कहा है कि वे कुछ ही घंटों में अदन में होंगे। गत सप्ताह सना में हुए एक आत्मघाती हमले में 137 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ही विद्रोहियों के नेता अब्देल मलिक अल-हाउदी ने अलकायदा और आतंकी गुटों से जंग के लिए अपने समर्थकों को देश के दक्षिण की ओर कूच करने को कहा था।

भारत ने अपने नागरिकों को तुरंत यमन छोडऩे को कहा

नई दिल्ली। हिंसा प्रभावित देश में ध्वस्त हो चुकी सुरक्षा स्थितियों के मद्देनजर भारत ने अपने नागरिकों को तत्काल यमन छोडऩे को कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बुधवार को बताया, 'हम निवेदन और सलाह दे रहे हैं कि हमारे नागरिक उपलब्ध वाणिज्यिक साधनों की मदद से तत्काल यमन छोड़ दें।' उन्होंने रेखांकित किया कि भारत तीसरी बार ऐसी एडवाइजरी जारी कर रहा है। यमन में रहने वाले भारतीयों की संख्या 3000-3500 के बीच है, इनमें ज्यादातर नर्सें हैं। ये सभी राजधानी सना सहित वहां के विभिन्न प्रांतों में रहते हैं।

अकबरुद्दीन ने उम्मीद जताई कि हमारे नागरिक वहां की स्थिति की गंभीरता को समझेंगे और स्वदेश लौट आएंगे। भारतीयों की मदद के लिए सना स्थित भारतीय दूतावास में एक हेल्पलाइन डेस्क का गठन किया गया है। यमन में गत वर्ष सितंबर से शिया हाउती विद्रोहियों और सरकार के बीच भीषण संघर्ष जारी है।

यमन की मस्जिदों में विस्फोटः आइएस ने ली बर्बर हमले की जिम्मेदारी

यमन में हाउती विद्रोहियों ने राष्ट्रपति को बनाया बंधक