जिम्नास्टिक में पदक से चूकीं दीपा, चौथे स्थान पर रहकर रचा इतिहास
दीपा 15.066 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं। दीपा की शुरूआत बहुत अच्छी रही थी लेकिन बाद में दीपा कांस्य पदक जीतते-जीतते रह गईं।
By Atul GuptaEdited By: Updated: Mon, 15 Aug 2016 08:51 AM (IST)
रियो डि जेनेरियो। खेलों में भारत की उम्मीदों को रविवार को बड़ा झटका लगा। भारत की एकमात्र महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने वाल्ट फाइनल्स में चमक तो बिखेरी, लेकिन पदक से चूक गईं। वह 15.066 के शानदार अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं।
इस स्पर्धा में अमेरिका की नंबर एक जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने सबसे अधिक 15.966 अंक लेकर स्वर्ण पर कब्जा किया। रूस की मारिया पसेका ने 15.253 अंकों के साथ रजत पर और स्विट्जरलैंड की जिम्नास्ट गियुला स्टिंगुबर ने कांस्य पदक हासिल किया। उन्होंने 15.216 अंक हासिल किए। वह दीपा से बहुत कम अंतर से आगे रहीं। भले ही दीपा पदक की दौड़ से बाहर हो गईं, लेकिन पहली महिला जिम्नास्ट बनकर ओलंपिक में पहुंचकर उन्होंने देश का मान बढ़ाया। दीपा से देश को काफी उम्मीदें थीं। उन्होंने अपना शतप्रतिशत प्रदर्शन दिखाया, लेकिन पदक से दूर रह गईं।तस्वीरों में देखें: इतिहास रचकर भी पदक से चूक गईं भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर
काफी तनाव में थे दीपा के माता-पिता : दीपा के पदक जीतने के लिए देश भर में पूजा और हवन किए गए। उनके माता-पिता स्पर्धा शुरू होने से पहले काफी तनाव में थे। उन्होंने दीपा को फोन पर शुभकामनाएं दीं। पिता दुलाल करमाकर जो भारोत्तोलन कोच हैं, उन्होंने दीपा की स्पर्धा अपने परिवार वालों के साथ घर में टीवी पर देखी। मुकाबला शुरू होने से पहले उनकी माता गौरी देवी भगवान से लगातार प्रार्थना कर रही थीं।