नवजोत सिद्धू बने 'पहेली' और टेंशन में कांग्रेस व सरकार, गुरु की चुप्पी से सियासी कयासबाजी तेज
नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। सिद्धू पहेली बन गए हैं और उनको लेकर पंजाब की सरकार और कांग्रेस टेंशन में है। उनकी खामोशी से ासयासी कयासबाजी तेज हो गई है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 13 Jun 2019 12:06 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कांग्रेस और पंजाब सरकार की टेंशन बढ़ गई है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उनका विभाग बदले जाने के बाद से गुरु सिद्धू खामोश हैं। उन्होंने अपने नए ऊर्जा विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है। सिद्धू नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने भी गए, लेकिन उसके बाद से चुप हैं। ऐसे में पंजाब की सियासत में उनको लेकर कयासबाजी का दौर तेज हो गया है और उनके अगले कदम के बारे में चचार्ए गर्म हैं। पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस की सिद्धू की गतिविधियों पर निगाहें टिकी हुई हैं।
बता दें कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित जितने मत्रियों के विभाग बदले थे उनमें से सिद्धू को छोड़कर सभी ने अपने-अपने विभागों की जिम्मेदारी संभाल ली है। सबकी नजरें सिद्धू पर टिकी हुई हैं कि वह ऊर्जा विभाग का कार्यभार संभालेंगे या नहीं। यदि संभालेंगे तो कब तक। बुधवार को भी उन्होंने अपने विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली।यह भी पढ़ें: राहुल-प्रियंका से मिलने के बाद सिद्धू की चुप्पी से सस्पेंस बढ़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने गुरु पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री कार्यालय में भी इसे लेकर खासी चर्चा छिड़ी हुई है। हिमाचल प्रदेश में छुट्टियां मना रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह संभवत: वीरवार रात या शुक्रवार को वापस चंडीगढ़ आ जाएंगे। संभावना है कि इसके बाद पंजाब कांग्रेस व पंजाब सरकार में गतिविधियां तजे हो जाएं। कैप्टन के चंडीगढ़ लौटने के बाद उनके और सिद्धू के विवाद में नया व निर्णायक मोड़ आ सकता है।दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के करीबी कांग्रेस के खजांची अहमद पटेल के रुख को भांपने की कोशिश में जुट गए हैं। राहुल गांधी छुïिट्टयां मनाने के लिए विदेश गए हुए है और बताया जाता है कि उन्होंने अहमद पटेल को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वह कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच में पैदा हुए मनमुटाव को दूर करें। ऐसे में मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं की अहमद पटेल के रुख पर खास नजर है।
कांग्रेस के उच्च स्तरीय सूत्र बताते हैं कि विभागों में हुए फेरबदल में अब किसी भी प्रकार का फिलहाल बदलाव होने की कोई संभावना नहीं है। राहुल गांधी ने अब तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसी भी काम में सीधे रूप से कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया है और आगे भी इसकी संभावना न के बराबर है। सरकार की चिंता इस बात को लेकर ज्यादा है कि सिद्धू ने अभी तक नए विभाग का चार्ज नहीं लिया है। दूसरी ओर सिद्धू इस संबंध में अपने पत्ते नहीं खोल रहे है।यह भी पढ़ें: लापरवाही की हद: बोरवेल में गिरने से मारे गए बच्चे के अंतिम संस्कार स्थल पर भी खड़ी थी 'माैत'
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद के बाद नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग ले लिया गया था और उनको ऊर्जा विभाग दिया गया है। सिद्धू ने कार्यभार तो नहीं संभाला है, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने नई दिल्ली गए।सिद्धू ने ट्वीट कर खुद बताया कि उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग में अपने कामकाज के हिसाब के संग-संग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ विवाद पर अपना पक्ष भी दोनों शीर्ष नेताओं को बता दिया। बताया यह भी जा रहा है कि सिद्धू को राहुल और प्रियंका से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसी कारण वह वहां से लौटकर चुप्पी साधे हैं।
यह भी पढ़ें: भेड़िया आया... भेड़िया आया... की कहानी यहां हो गई सच, युवक की यूं चली गई जानसिद्धू ने बुधवार को भी बिजली विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली। सचिवालय में सबकी नजरें पांचवें फ्लोर पर सिद्धू के कार्यालय की ही तरफ है। जानकारी के अनुसार सिद्धू मंगलवार को दिल्ली से चंडीगढ़ लौट आए। उसके बाद वह अपने सरकारी आवास पर ही रहे। बिजली विभाग के कुछेक अधिकारियों ने उनसे मुलाकात भी की। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह बुधवार को बिजली विभाग की जिम्मेदारी संभाल लेंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंपंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।