छोटे भाई से बाेले अजय चौटाला- मैं तो घर के गेट पर खड़ा था, तूने तो बाहर धक्का दे दिया
अजय सिंह चौटाला ने इनेलो से निष्कासन पर अभय चौटाला से दिल का छू लेना वाला था। अजय ने छोटे भाई से कहा, मैं तो घर के गेट पर खड़ा था और तुमने बाहर धक्का दे दिया।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 16 Nov 2018 08:19 AM (IST)
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। अजय सिंह चौटाला की इनेलो से निष्कासन के बाद रात में छोटे भाई अभय चौटाला से बात हुई तो उन्होंने जो कुछ कहा वह दिल का छू लेना वाला था। अजय ने छोटे भाई से कहा, मैं तो घर के गेट पर खड़ा था और तुमने बाहर धक्का दे दिया। इनेलो को पिता आेमप्रकाश चौटाला के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा करने वाले अजय पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने से हतप्रभ हैं और आहत भी। राजनीतिक दांव पेंच के बीच उनका छोटे भाई अभय चौटाला के प्रति गुस्से के साथ अब भी कहीं न कहीं प्यार झलकता है।
इनेलो व चौटाला परिवार में मचे घमासान पर विशेष बातचीत में अजय चौटाला ने खुलकर रखी दिल की बात जागरण से विशेष बातचीत में अजय सिंह चौटाला ने चौटाला परिवार और इनेलो में मचे घमासान पर दिल खोलकर पक्ष रखा और पूरे मामले पर बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने तेवर के संग नई राजनीतिक राह चुनने के भी साफ संकेत दिए। उन्होंने अपने निष्कासन के तरीके पर सवाल उठाया, लेकिन इसे कानूनी चुनौती देने की बजाए जनता की अदालत में जाने की बात कही। भाई अभय सिंह चौटाला के प्रति उनका गुस्सा इस कदर है कि वह उन्हें दुर्योधन तक करार देते हैं, लेकिन अपना अजीज भी बताते हैं। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-
* क्या आप इनेलो के निष्कासित मुख्य महासचिव हैं?- जब इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष ने मुझे बिना नोटिस दिए, मुझे निष्कासन की फर्जी तरीके से बनाई राष्ट्रीय अध्यक्ष की चिट्ठी मीडिया के सामने जारी की है तो मैं इसे निष्कासन समझूं या क्या समझूं मुझे नहीं पता।
* निष्कासन की इस चिट्ठी को आप किस आधार पर फर्जी मान रहे हैं?- सौ फीसदी। दुष्यंत और दिग्विजय के निष्कासन से लेकर अब तक के प्रकरण में सारे निर्णय फर्जी हैं। ये षड़यंत्र चार लोग चंडीगढ़ में पहले पुराने पार्टी कार्यालय में और अब नए में बैठकर रचते हैं।
* इन चारों के नाम भी बता दें?- आरएस चौधरी, एमएस मल्हान, प्रवीण अत्रेय और एक ऑफिस का क्लर्क है। ये चारों लोग दुर्योधन के कहने पर षड्यंत्र करते हैं।
* अब आपको दुर्योधन कहने में हिचक नहीं हो रही?- गुस्से में- दुर्योधन, मेरा भाई है। वह मेरा अजीज है और हमेशा रहेगा। दुर्योधन राजा भी था, महाभारत के लिए उत्तरदायी भी था, धराशायी भी हुआ और हिंसा के लिए उत्तरदायी भी है और रहेगा। ये सब षड्यंत्रकारी लोग हैं।
* क्या राजनीतिक विरासत पाने के लिए षड़यंत्र किया गया?-विरासत न मेरे बाप की बपौती थी और न ही किसी और के बाप की, विरासत जनता देती है,ये लोग देते हैं। ये अधिकार, मैं भी जनता को दे रहा हूं क्योंकि अनाधिकार चेष्ठा न मैंने की और न ही अपने बुजुर्गों से सीखी। जो कर रहे हैं, वे धराशायी होंगे।
* पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला इस पूरे प्रकरण से क्या व्यथित नहीं हैं?- चौटाला साहब मेरे साथ रहते हैं। वह जेल में मेरे साथ बराबर वाली बैरक में रहते हैं। हम सुबह-शाम मिलते हैं, अखबार साथ पढ़ते हैं, खाना साथ खाते हैं। वह भी व्यथित हैं मगर वह भी कहीं न कहीं, ...पुत्रमोह नहीं कहूंगा, क्योंकि पुत्र तो मैं पहले हूं। मगर वह भी कहीं न कहीं प्रेशर में हैं।
* प्रेशर किस तरह का है ओमप्रकाश चौटाला पर?- अब ये प्रेशर क्या है, यह तो वह ही बता पाएंगे। लेकिन, इतना तो साफ लगता है कि किसी न किसी दबाव में हैं।
* क्या यह प्रेशर उसी तरह का है जो ओमप्रकाश चौटाला को ताऊ देवीलाल का राजनीति विरासत देते समय बनाया गया था?- आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ताऊ देवीलाल ने तो ओमप्रकाश चौटाला को घर-परिवार-संपत्ति सब से बेदखल कर दिया था, लेकिन लोगों के प्रेशर के बाद उनको अपना उत्तराधिकारी बनाया। उन्हें हरियाणा प्रदेश की बागडोर देकर गए।* ...तो क्या आप भी इसी राह पर चल पड़े हैं?- हां, हम भी ऐसे राजनीतिक हालात पैदा करेंगे, जो चौधरी देवीलाल जी के समक्ष चौटाला साहब के लिए हुए थे। प्रदेश की जनता अपना हक मांगेगी।* जिस निष्कासन को आप फर्जी मान रहे हैं, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे?- कानूनी कार्रवाई क्यों करेंगे? लोकतंत्र में तो जनता की अदालत ही सबसे बड़ी कार्रवाई है। अगर मैं कोई फर्जीवाड़ा करूंगा तो अगले ही दिन जनता मुझे भी दरकिनार कर देगी। फर्जीवाड़ा करने वालों का अगले चुनाव में खाता भी नहीं खुलेगा।* पार्टी कार्यकर्ताओं से आप क्या अपील कर रहे हैं?- मैंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे उस सोच पर चलो, जहां जनता चलती है।* अभय सिंह चौटाला इस सोच पर नहीं चल रहे हैं?- मैं उनसे भी कह रहा हूं कि वह भी जनता की सोच पर चलें।* आपको बिना नोटिस के निकाल दिया, तो अभी तक विधायक नगेंद्र भड़ाना और नैना चौटाला के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं हुई?- मैंने एक शब्द भी पार्टी, पार्टी की नीतियों के खिलाफ नहीं बोली। मैं रात अनुशासन समिति के अध्यक्ष शेर सिंह बड़शामी से मिला तो, उन्होंने भी अभी तक इन्हें कोई रिपोर्ट नहीं दी है। नगेंद्र भड़ाना और नैना चौटाला को यदि पार्टी से निष्कासित करेंगे तो फिर ये नेता प्रतिपक्ष भी नहीं रहेंगे।* क्या 17 नवंबर को अाप नया नेता प्रतिपक्ष बनाएंगे?- मैं यह अनाधिकार चेष्टा नहीं करूंगा, यह अधिकार विधायकों का है, वे अपना नेता चुनेंगे।* 17 नवंबर को कितने विधायक आएंगे?- जींद में 17 नवंबर को केवल जींद जिला के कार्यकर्ताओं और प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक है। यह कोई रैली नहीं है, रैली बाद में करेंगे।* आपकी निष्कासन के बाद बुधवार रात अभय चौटाला से क्या बात हुई?- रात को मैंने यही कहा, उससे कि मैं तो घर के गेट पर खड़ा था और तूने मुझे बाहर धक्का दे दिया।* कोई नुकसान फायदे की बात नहीं हुई?- नहीं, वह नुकसान के बारे में तो सोचता ही नहीं।* इस पूरे प्रकरण से क्या पार्टी को नुकसान नहीं हो रहा, किसे दोषी मानते हैं?- देखिए, दोष मेरा और दोष उसका दोनों का हो सकता है। मेरा तो सिर्फ इतना कहना है कि यदि मेरा दोष हो तो सजा जनता दे देगी।* ऐसी भी चर्चा सामने आई है कि दोनों के बीच 45-45 सीटों पर समझौता होना था?- नहीं भाई, नहीं। सीट क्या चीज हैं, हमारे लिए, ऐसा कुछ नहीं था। दुष्यंत चौटाला लोकसभा सदस्य है, मगर जनभावना कि दुष्यंत सीएम बनना चाहिए। ऐसे में जनभावनाओं की कद्र होनी चाहिए। कोई एक नारा मुझे बताएं जिसमें यह कहा गया हो कि अभय सिंह चौटाला सीएम हो।* पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल क्या कहते हैं?- बादल साहब हमारे सर्वेसर्वा हैं। कल भी दुष्यंत चंडीगढ़ में उनसे मिलकर आया है। बादल साहब ने दुष्यंत से कहा, यह (मेरा निष्कासन) तो बड़ी गलती हो गई है। उन्होंने दुष्यंत से कहा कि तेरे दादा ने तुझे तो निकाला ही निकाला, तेरे बाप को भी निकाल दिया तो क्या वह (अभय चौटाला) अकेला ही रहेगा।
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