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मनोहरलाल की नई कैबिनेट में दिखेंगे कई नए चेहरे, जानें कब शामिल किए जाएंगे नए मंत्री

हरियाणा में सरकार का गठन हो चुका है। सीएम मनोहरलाल और डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला के शपथ लेने के बाद अब मंत्रियों की नियुक्ति की इंतजार है। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 05 Nov 2019 08:43 AM (IST)
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मनोहरलाल की नई कैबिनेट में दिखेंगे कई नए चेहरे, जानें कब शामिल किए जाएंगे नए मंत्री
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में नई कैबिनेट को लेकर जबरदस्त जोड़तोड़ चल रही है। तीन दिन के विधानसभा सत्र के बाद किसी भी समय नई कैबिनेट का गठन संभव है। ऐसे में नए मंत्रियों को लेकर नाम लगभग तय हो चु‍‍के हैं। बताया जाता है कि कैबिनेट में कई नए चेहरे शामिल किए जाएंगे। मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के लिए अपनी-अपनी पार्टियों से मंत्री बनाने में खासी मशक्‍कत करनी पड़ी है। अब सब कुछ तय हो गया है और भाजपा आलाकमान की मंजूरी ही बाकी रह गई है। नई कैबिनेट में मंत्रियों को लेकर जातीय संतुलन साधना बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर जहां नई कैबिनेट का गठन करेंगे, वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा को भी कैबिनेट में पूरा प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। दोनों दलों के बीच कैबिनेट को लेकर इस तरह का जातीय संतुलन साधने की कोशिश हो रही, जिसके आधार पर दोनों दल फील्ड में एक समान संदेश दे सकें।

बताया जाता है कि नई कैबिनेट के स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला में सहमति बन चुकी है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले नामों और मंत्रालयों पर मुहर लगना बाकी है। कैबिनेट में मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम के अलावा 12 मंत्री शामिल किए जा सकते हैैं। भाजपा कोटे में आठ और जजपा कोटे में चार मंत्री होंगे। भाजपा की कोशिश अपना कोटा बढ़ाकर नौ तक करने की है।

अंबाला छावनी से लगातार चुनाव जीतते आ रहे अनिल विज और जगाधरी से चुनाव जीते पूर्व स्पीकर कंवरपाल गुर्जर का मंत्री बनना तय है। बावल से चुनाव जीते डा. बनवारी लाल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बड़खल से सीमा त्रिखा, गन्नौर से निर्मला रानी और कलायत से कमलेश ढांडा चुनाव जीती हैं। महिला कोटे में मंत्री पद के लिए तीनों के बीच रस्साकसी चल रही है।

वैश्य कोटे में फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, हिसार से डा. कमल गुप्ता, गुरुग्र्राम से सुधीर सिंगला और पलवल से दीपक मंगला चुनाव जीते हैैं। ज्ञानचंद गुप्ता यदि स्पीकर बन गए तो मंत्री पद के लिए डा. कमल गुप्ता और दीपक मंगला में जबरदस्त लाबिंग होगी।

थानेसर से चुनाव जीते सुभाष सुधा, घरौंडा से विजयी हरविंद्र कल्याण और पानीपत ग्रामीण से चुनाव जीते महीपाल ढांडा का नाम भी मंत्री पद के लिए तेजी से चल रहा है। इंद्री से रामकुमार कश्यप और नलवा से रणबीर गंगवा में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है। नांगल चौधरी से चुनाव जीते डा. अभय सिंह यादव के मंत्री बनने की संभावना है।

पिहोवा से चुनाव जीते भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को भी सरकार हालांकि मंत्री पद का इनाम दे सकती है, लेकिन संदीप सिंह का पब्लिक कनेक्ट नहीं होना आड़े आ रहा है। जींद से चुनाव जीते कृष्ण मिढा, लोहारू से जीते जेपी दलाल और बल्लभगढ़ चुनाव जीते मूलचंद शर्मा भी मंत्री पद के लिए जबरदस्त लाबिंग में जुटे हैैं।

निर्दलीय भी कर रहे मंत्री पद की जबरदस्त लाबिंग

भाजपा पर बिना शर्त समर्थन दे रहे सात निर्दलीय विधायकों को सरकार में एडजेस्ट करने का जबरदस्त दबाव है। सात निर्दलीय विधायकों में पांच जाट हैैं, जिन्हें मंत्री बनाने में सरकार के पसीने छूट रहे हैैं। गैर जाट चेहरों में राजपूत बिरादरी के नयनपाल रावत और धर्मपाल गोंदर के बीच मंत्री पद की जबरदस्त लाबिंग चल रही है। सरकार कुछ निर्दलीय विधायकों को बोर्ड एवं निगमों का चेयरमैन भी बना सकती है। प्रदेश सरकार पिछली सरकार में नियुक्त चेयरमैनों से दो दिन पहले ही इस्तीफे ले चुकी है।

जजपा कोटे के मंत्री बनाने को लेकर खूब माथापच्ची

भाजपा के सहयोगी दल जजपा ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 10 सीटें जीती हैैं। जजपा कोटे से नारनौंद से चुनाव जीते रामकुमार गौतम के मंत्री बनने की संभावना है। गुहला चीका से चुनाव जीते पूर्व राज्यसभा सदस्य चौ. ईश्वर सिंह और उकलाना से चुनाव जीते अनूप धानक को भी जातीय समीकरणों का लाभ मंत्री पद के रूप में मिल सकता है। टोहाना में देवेंद्र सिंह बबली ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को 52 हजार से अधिक मतों से हराया है। इसलिए वह भी मंत्री पद के दावेदार हैैं।

शाहबाद मारकंडा से चुनाव जीते रामकुमार काला, नरवाना से रामनिवास वाल्मीकि, जुलाना से अमरजीत ढांडा व बरवाला से जोगी राम सिहाग की नजर भी मंत्री पद पर है, लेकिन काला व वाल्मीकि की दावेदारी ज्यादा मजबूत है। नैना सिंह चौटाला फील्ड में सक्रिय रहेंगी।

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