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ब्याज के भरोसे जलियांवाला बाग

धीरज कुमार झा, अमृतसर जलियांवाला बाग की पावन धरती पर जंग-ए-आजादी के लिए हजारों शहीदों ने कुर्बानी

By Edited By: Updated: Fri, 18 Dec 2015 06:46 PM (IST)
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धीरज कुमार झा, अमृतसर

जलियांवाला बाग की पावन धरती पर जंग-ए-आजादी के लिए हजारों शहीदों ने कुर्बानी दी, पर अफसोस उसके रखरखाव के लिए सरकारी खजाने में अठन्नी भी नहीं है। आलम यह है कि ब्याज के पैसे से शहीदी स्थल का रखरखाव हो रहा है। सरकारी बैंक में जलियांवाला नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट की करीब 20 लाख की एफडी है। इसके ब्याज से राष्ट्रीय स्मारक की देखभाल हो रही है। बची-खुची कसर बैंक से मिलने वाले किराये से पूरी हो रही है।

मौजूदा केंद्र की भाजपा सरकार ने जलियांवाला बाग को विश्व विरासती धरोहर का दर्जा देते हुए इसकी उचित देखभाल की घोषणा तो की है, लेकिन केंद्रीय पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्रालय की अनदेखी के कारण अभी तक शहीदी स्थल अपनी बेबसी पर सिसक रहा है। करीब 20 लाख की राशि जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से एफडी है। इससे सलाना 2 से 2.5 लाख ब्याज के तौर पर मिलता है। इसके अलावा ट्रस्ट की दुकानें भी हैं, जिसमें एक सरकारी बैंक है। बैंक के किराये से ट्रस्ट को सलाना 6.5 लाख मिल रहा है।

ट्रस्ट का यह पैसा आधा दर्जन मुलाजिमों के वेतन, बिजली, पानी व टेलीफोन बिल पर खर्च हो रहा है। इसके अलावा बाग में होने वाले अन्य जरूरी कामकाज पर भी यह राशि खर्च हो जाती है। फंड की किल्लत का ही नतीजा है कि लाइट एंड साउंड शो और आडियो-वीडियो विजुअल हाल एक साल से बंद है। ट्रस्ट चाहकर भी तकनीकी खामियों को दूर नहीं कर पा रहा, क्योंकि इस पर खर्च होने वाली राशि का इंतजाम करना मुश्किल है।

आईटीडीसी ने नहीं दिया यूसी, 1.5 करोड़ का विकास लटका

इंडियन टूरिज्म डवलपमेंट कारपोरेशन के द्वारा यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) न देने के कारण जलियांवाला बाग में 1.5 करोड़ का विकास कार्य लटका है। केंद्रीय पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से फंड जारी करने के बाद आईटीडीसी की ओर से 6 करोड़ से शहीदी स्थल में लाइट एंड साउंड शो, आडियो-वीडियो विजुअल हाल, म्यूजियम व लाइटें लगाई गई, लेकिन मंत्रालय को यूसी न देने के कारण बीस फुट की चारदीवारी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पाथ वे का काम लटका हुआ है।

वित्त मंत्री ने फंड का दिया भरोसा : मुखर्जी

जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव एसके मुखर्जी ने कहा कि शहीदी स्थल की देखरेख के लिए चालीस सालों से फूटी कौड़ी भी नहीं आई है। पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान एकमुश्त 25 लाख रुपये मिले थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जलियांवाला बाग के रखरखाव के लिए फंड देने का भरोसा दिया है। फिलहाल शहीदी स्थल का रखरखाव ब्याज के पैसे व किराये के रकम से हो रहा है। आईटीडीसी ने 6 करोड़ के काम करवाए हैं, लेकिन यूसी न देने के कारण 1.5 करोड़ का विकास लटका है।

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