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श्री हरिमंदिर साहिब में केजरीवाल की बर्तन धोने की सेवा पर विवाद

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पार्टी घोषणा पत्र में श्री दरबार साहिब की फोटो के साथ झाड़ू की फोटो छापने पर उपजे विवाद के बीच श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे और माफी मांगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2016 02:17 PM (IST)
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जेएनएन, अमृतसर । आम आदमी पार्टी के यूथ घोषणा पत्र पर श्री दरबार साहिब के साथ झाडू लगाकर की गई बेअदबी के लिए माफी मांगने पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार तड़के श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे। उन्होंने यहां बर्तन धोने की सेवा की, लेकिन उनकी यह सेवा विवादों में आ गई है। कुछ सिख संगठनों ने कहा कि दरबार साहिब में पांच चरणों में बर्तनों की सफाई की जाती है, जबकि केजरीवाल ने पहले चरण के बजाय तीसरे चरण से बर्तनों की सफाई शुरू की। उन्होंने इसे सेवा का अपमान करार दिया।

केजरीवाल सुबह 4.30 बजे श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे और गुरु रामदास लंगर हाल में बर्तन मांझने की सेवा की। कुछ देर सेवा करने के बाद वह दरबार साहिब की परिक्रमा की तरफ आए और वहां 10 मिनट तक बैठे रहे। इस दौरान उनके साथ आप के पंजाब प्रभारी संजय सिंह, पंजाब समन्वयक सुच्चा सिंह छोटेपुर, विधायक जनरैल सिंह, 1984 सिख दंगों का केस लडऩे वाले वरिष्ठ वकील एचएस फूलका भी मौजूद थे। केजरीवाल श्री हरिमंदिर साहिब में लगभग दो घंटे रहे और इसके बाद दिल्ली लौट गए।

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केजरीवाल ने यहां कड़ाह प्रसाद की देग चढ़ाई और दरबार साहिब में मत्था टेका। श्री हरिमंदिर साहिब से बाहर निकलने के बाद केजरीवाल ने कहा कि यहां सेवा करने से उनके मन को शांति मिली। उन्होंने जो गलती हुई उसके लिए माफी मांगी।

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केजरीवाल के श्री हरिमंदिर साहिब दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बता दें, वह कल शाम को ही अमृतसर पहुंच गए थे। इस दौरान हिंदू व सिख संगठनों ने उनका जमकर विरोध किए। एयरपोर्ट के बाहर काले झंडे दिखा केजरी का काफिला रोकने की कोशिश की।

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क्या था विवाद

पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशीष खेतान पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया था। उनके खिलाफ पंजाब में पुलिस शिकायत भी दर्ज की गई थी। इस मेनिफेस्टो विवाद के चलते आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हुई। हालांकि बाद में खेतान ने यह कहते हुए माफी मांग ली थी कि उनका मकसद पवित्र ग्रंथ का निरादर करना नहीं था, लेकिन ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन नामक एक समूह ने कहा था कि यह काफी नहीं है और वह इस बाबत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएंगे। पंजाब के उपमुख्यमंत्री ने इसे ईशनिंदा का मामला करार दिया था।