सिद्धू ने कहा, सुखबीर बादल ने मुझे पंजाब की राजनीति से दूर करने की साजिश रची
नवजोत सिद्धू ने सुखबीर बादल पर जमकर हमले किए हैं। उन्होंने कहा सुखबीर ने उन्हें पंजाब की राजनीति से दूर करने की साजिश रची। सिद्धूके 15 अगस्त को आप में शामिल होने की चर्चा भी है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 29 Jul 2016 09:18 AM (IST)
अमृतसर, [वेब डेस्क]। पूर्व सांसद व हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने वीरवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष आैर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधा है। सिद्धू ने कहा है, सुखबीर किसी तरह मुझे पंजाब की राजनीति से दूर करने के लिए साजिश रची। अरुण जेटली को भी सुखबीर ने जोर देकर मेरी जगह अमृतसर से लाेकसभा चुनाव लड़वाया, ताकि मैं राजनीति छोड़ दूं।
सिद्धू के 15 अगस्त को आप में शामिल होने की चर्चाएं,पीए का इन्कार उधर, यह चर्चा भी जोरों पर है कि सिद्धू 15 अगस्त को आम अादमी पार्टी में शामिल हाे सकते हैं। दूसरी ओर देर रात सिद्धू के निजी सचिव ने कहा कि सिद्धू के 15 अगस्त को आप में शामिल की ख़बर बेबुनिया है। अभी तक सिद्धू ने किसी भी पार्टी में शामिल का निर्णय नहीं किया है। सिद्धू ने यहा कहा कि ऐसा उन्होंने अपनी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को केंद्र सरकार में मंत्री बनाने की नीयत से किया। सुखबीर ने ऐसा ही अकाली दल के पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला के साथ भी किया। अकाली देल ने मुझे अमृतसर के विकास से दूर रखा और इसमें बाधाएं डालीं। सिद्धू का यह बयान उस मौके पर आया है जब आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अाज अमृतसर आए हुए हैं।
केजरीवाल यहां अदालत में एक पेशी के लिए आए हैं, लेकिन बताया जाता है कि पिछले दिनों नवजोत सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा के बाद पंजाब के अाप नेताआें की बयानबाजी और उनके पार्टी में शामिल होने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। जेटली को मेरी जगह इसलिए लोस चुनाव लड़वाया कि मैं राजनीति छोड़ दूं
सिद्धू ने अपने बयान में कहा, सुखबीर सिंह बादल ने पिछले लोकसभा चुनाव में अरुण जेटली को अमृतसर सीट से इसलिए चुनाव लड़वाया ताकि मैं राजनीति छोड़ दूं। सिद्धू ने एक लंबे समय बाद अकाली दल और सुखबीर बादल पर हमला किया है। इससे पहले काफी दिनों से उनकी पत्नी व पंजाब सरकार में मुख्य संसदीय सचिव नवजोत कौर बादल अकाली दल, मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल पर हमले कर रही थीं। सिद्धू ने कहा कि बादल सरकार ने पंजाब का बुरा हाल कर दिया है और मुझे पंजाब से दूर रहने को मजबूर कर दिया। लेकिन, मैं पंजाब से दूर कैसे रह सकता हूं। कुछ दिन पहले भी नई दिल्ली में उन्होंने इसी तरह की बात कही थी अौर आरोप लगाया था कि उन्हें राज्यसभा की सदस्यता देकर पंजाब की राजनीति से दूर रहने को कहा गया है। दूसरी ओर, एक टीवी चैनल के अनुसार, सिद्धू 15 अगस्त को अाम आदमी पार्टी में शालि हो सकते हैं। चैनल ने सूत्रों के हवाले से कहा है सिद्धू को 'आप' पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं करेगी और वह पार्टी में स्टार चुनाव प्रचारक के तौर पर शामिल होंगे। गौरतलब है कि उन्होंने 18 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू को वर्तमान सरकार ने राज्यसभा पहुंचाया था। चैनल ने कहा है कि सूत्रों के मुताबिक सिध्दू आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार नहीं होंगे। वह पंजाब विधान सभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह पंजाब विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक होंगे। सिध्दू की पत्नी आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। ऐसी संभावना है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में कोई सीएम कैंडिडेट का ऐलान ही न करे। चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लिया जाएगा।
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पिछले दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सिद्धू ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था 'मैंने इस्तीफा दिया क्योंकि मुझसे कहा गया था कि पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगे।' सिद्धू ने आगे कहा 'मुझसे कहा गया कि तुम पंजाब से दूर रहोगे। धर्मों में सबसे बड़ा धर्म राष्ट्रधर्म होता है। तो फिर कैसे मैं अपनी जड़, अपना वतन छोड़ दूं।' सिद्धू ने बीजेपी का नाम नहीं लिया लेकिन यह ज़रूर कहा कि 'मोदी की लहर ने सिर्फ विपक्ष को ही नहीं सिद्धू को भी डुबो दिया।' दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले सवाल को सिद्धू टाल गए और उन्होंने कहा कि 'जहां पंजाब का हित होगा, वहां जाऊंगा।'
उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा थी
राज्यसभा के सभापति ने सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया था। उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा थी। इस मुद्दे पर अटकलों का बाजार गर्म रहने के बीच आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ में कहा था कि यदि सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं, तो वह बाहें फैलाकर उनका स्वागत करेगी।
सही और गलत की लड़ाई में आप आत्मकेंद्रित होने के बजाय तटस्थ नहीं रह सकते
सिद्धू ने अपने बयान में कहा था, 'सम्मानीय प्रधानमंत्री के कहने पर मैंने पंजाब के कल्याण के लिए राज्यसभा का मनोयन स्वीकार कर लिया था।' उन्होंने कहा, 'पंजाब के लिए हर खिड़की बंद होने के साथ उद्देश्य धराशायी हो गया। अब यह महज बोझ रह गया। मैंने इसे नहीं ढोना सही समझा।' उन्होंने कहा, 'सही और गलत की लड़ाई में आप आत्मकेंद्रित होने के बजाय तटस्थ नहीं रह सकते। पंजाब का हित सर्वोपरि है।' सिद्धू की पत्नी ने भी बीजेपी छोड़ दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट अरुण जेटली के लिए छोड़ी थी, तब से वह पार्टी से नाखुश थे। सिद्धू पार्टी से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे, लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने कभी भी खुलकर यह नहीं कहा था। वहीं, भगवंत मान का कहना है, ‘सिद्धू अक्सर बोलते रहते हैं कि मैं अकालियों के साथ नहीं जा सकता। अगर बीजेपी और अकाली ने पंजाब में हाथ मिलाया तो मैं बोलूंगा कि लोग आम आदमी पार्टी को वोट दें।’
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पिछले दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सिद्धू ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था 'मैंने इस्तीफा दिया क्योंकि मुझसे कहा गया था कि पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगे।' सिद्धू ने आगे कहा 'मुझसे कहा गया कि तुम पंजाब से दूर रहोगे। धर्मों में सबसे बड़ा धर्म राष्ट्रधर्म होता है। तो फिर कैसे मैं अपनी जड़, अपना वतन छोड़ दूं।' सिद्धू ने बीजेपी का नाम नहीं लिया लेकिन यह ज़रूर कहा कि 'मोदी की लहर ने सिर्फ विपक्ष को ही नहीं सिद्धू को भी डुबो दिया।' दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले सवाल को सिद्धू टाल गए और उन्होंने कहा कि 'जहां पंजाब का हित होगा, वहां जाऊंगा।'
उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा थी
राज्यसभा के सभापति ने सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया था। उनके आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चा थी। इस मुद्दे पर अटकलों का बाजार गर्म रहने के बीच आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ में कहा था कि यदि सिद्धू आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं, तो वह बाहें फैलाकर उनका स्वागत करेगी।
सही और गलत की लड़ाई में आप आत्मकेंद्रित होने के बजाय तटस्थ नहीं रह सकते
सिद्धू ने अपने बयान में कहा था, 'सम्मानीय प्रधानमंत्री के कहने पर मैंने पंजाब के कल्याण के लिए राज्यसभा का मनोयन स्वीकार कर लिया था।' उन्होंने कहा, 'पंजाब के लिए हर खिड़की बंद होने के साथ उद्देश्य धराशायी हो गया। अब यह महज बोझ रह गया। मैंने इसे नहीं ढोना सही समझा।' उन्होंने कहा, 'सही और गलत की लड़ाई में आप आत्मकेंद्रित होने के बजाय तटस्थ नहीं रह सकते। पंजाब का हित सर्वोपरि है।' सिद्धू की पत्नी ने भी बीजेपी छोड़ दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट अरुण जेटली के लिए छोड़ी थी, तब से वह पार्टी से नाखुश थे। सिद्धू पार्टी से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे, लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने कभी भी खुलकर यह नहीं कहा था। वहीं, भगवंत मान का कहना है, ‘सिद्धू अक्सर बोलते रहते हैं कि मैं अकालियों के साथ नहीं जा सकता। अगर बीजेपी और अकाली ने पंजाब में हाथ मिलाया तो मैं बोलूंगा कि लोग आम आदमी पार्टी को वोट दें।’