Bathinda Crime: सरकारी अस्पताल में मचा हंगामा, मरीज के परिजनों और अस्पताल स्टाफ के बीच मारपीट; इस वजह से हुआ विवाद
Bathinda Crime पंजाब के बठिंडा सरकारी अस्पताल में मरीज के परिजनों और अस्पताल स्टाफ के बीच हंगामा मच गया। मामला इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इस बीच अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और पुलिसकर्मी भी भिड़ गए। पुलिस कर्मियों ने उक्त लोगों को रोकने का प्रयास किया तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। Bathinda Crime News: शुक्रवार देर रात सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब एक मरीज के परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच बहस हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इस बीच अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और पुलिसकर्मी भी भिड़ गए।
डॉक्टर और स्टाफ से की अभद्रता
घटना की सूचना मिलते ही एसएमओ डॉ. सतीश जिंदल और इमरजेंसी विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. हर्षित गोयल मौके पर पहुंचे। वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें लाठी-डंडों से पीटा है, जबकि अस्पताल के डॉक्टरों ने दूसरे पक्ष पर आरोप लगाया है कि करीब सात-आठ लोग इमरजेंसी विभाग में स्थित माइनर ओटी में घुस गए और वहां पर वीडियोग्राफी करने लगे। जब उक्त लोगों को रोका गया, तो उन्होंने एक सफाई कर्मचारी की पिटाई कर दी और डाक्टर व स्टाफ नर्सों से अभद्रता की।
डॉक्टरों ने किया ये एलान
जब पुलिस कर्मियों ने उक्त लोगों को रोकने का प्रयास किया, तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। इस मौके पर डॉक्टरों ने ऐलान किया है कि अगर हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वह इमरजेंसी विभाग पर ताला लगा देंगे, क्योंकि इस तरह के माहौल में काम नहीं कर सकते।
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वहीं, सरकारी अस्पताल स्थित पुलिस चौकी प्रभारी अजय पाल सिंह का कहना है कि डॉक्टरों की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है, जिस पर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले की जांच कर हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
उधर, सुरक्षा गार्ड अमन का कहना है कि दंगाइयों की संख्या करीब आठ थी। जब उसे माइनर ओटी से बाहर जाने को कहा गया, तो वह स्टाफ नर्सों से अभद्रता करने लगा। जब दूसरे सुरक्षा गार्ड ने उक्त लोगों को रोका तो उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद दंगाइयों ने करीब 20, 25 अन्य लोगों को बुला लिया, जिन्होंने तीन घंटे तक अस्पताल में उत्पात मचाया।
बठिंडा निवासी ने लगाए आरोप
वहीं अस्पताल में हुए हंगामे को लेकर बठिंडा के रहने वाले गौरव का कहना है कि उनके भाई को बीती रात नशे की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उनके भाई की तबीयत खराब हुई तो वह उनके साथ थे। इस दौरान एक सिक्योरिटी गार्ड ने उनके साथ बदसलूकी की और बाहर जाने को कहा।
गौरव का आरोप है कि सिक्योरिटी गार्ड नशे में था। उक्त सुरक्षा गार्ड और उसके साथियों ने उसे और उसके परिवार को लाठियों से पीटा। उक्त युवक का कहना है कि अस्पताल के अन्य स्टाफ ने भी उसके साथ धक्का-मुक्की की है। इसी बीच नशे में धुत होकर आए पुलिसकर्मी ने भी उनकी पिटाई कर दी। इसके अलावा उक्त सुरक्षाकर्मियों ने उसके भाई को भी जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया।
कार्रवाई ना होने पर इमरजेंसी विभाग को ताला लगाने की चेतावनी
डॉ. हर्षित गोयल ने बताया कि शुक्रवार की रात एक मरीज के साथ आए करीब आठ लोग माइनर ओटी में घुस गए थे। उक्त लोग वहां आकर वीडियोग्राफी करने लगे। डाक्टर ने कहा है कि जब अस्पताल के सुरक्षा गार्ड ने उन्हें वीडियोग्राफी करने से रोका और बाहर जाने को कहा, तो उक्त लोगों ने सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट शुरू कर दी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस बीच उक्त लोगों ने एक सफाई कर्मी की पिटाई भी की।
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डॉ. हर्षित ने बताया कि जब पुलिस चौंकी पर तैनात पुलिसकर्मी ने उक्त लोगों को रोकने आए, तो उनके साथ भी मारपीट की गई, क्योंकि हंगामा करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। डॉक्टर के मुताबिक उक्त लोगों ने अस्पताल स्टाफ को तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा। इस घटना को लेकर डॉक्टर और स्टाफ ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में एसएमओ को एक मांग पत्र भी सौंपा गया है। इस मौके पर नोडल अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इमरजेंसी को ताला लगा देंगे।