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Punjab News: टिकट बंटवारे में पिछड़ रही भाजपा, बीजेपी को इन चार तो कांग्रेस को एक सीट पर उतारना है प्रत्याशी

18वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी अबकी बार 400 पार के नारों के साथ उतरी है। लेकिन अभी भी कुछ सीटें ऐसी हैं। जहां पर अभी तक अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से पार्टी ने मात्र 9 पर ही कैंडिडेट की घोषणा की है। जबकी कांग्रेस ने 12 । वहीं AAP और SAD ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Published: Mon, 06 May 2024 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 10:08 AM (IST)
Punjab News: टिकट बंटवारे में पिछड़ रही भाजपा।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। (Punjab Lok Sabha Election 2024 Hindi News) लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतकर तीसरी बार सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा राज्य में टिकटों के बंटवारे में पिछड़ गई है। भाजपा ने अब तक राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से नौ सीटों पर ही टिकटों का आवंटन किया है। शिअद और आप सभी 13 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।

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भाजपा को इन चार सीटों पर उतारने हैं प्रत्याशी

कांग्रेस (Punjab Congress) ने 12 सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। भाजपा को श्री आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और फिरोजपुर में प्रत्याशी घोषित करने हैं। कांग्रेस को मात्र फिरोजपुर में ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा करनी है। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के गुजरात चुनाव में व्यस्त होने के कारण भी राज्य के प्रत्याशियों की घोषणा में विलंब हुआ है।

जानकारी के अनुसार, भाजपा (Punjab BJP) श्री आनंदपुर साहिब, संगरूर और फिरोजपुर से हिंदू उम्मीदवार को उतारना चाहती है। इसमें से भाजपा को फिरोजपुर और श्री आनंदपुर साहिब से काफी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के गृह क्षेत्र संगरूर से अरविंद खन्ना का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने उन्हें संकेत भी दे दिए हैं।

सुनील जाखड़ कांग्रेस के रमिंदर आवला को दिलवाना चाहते हैं टिकट 

खन्ना पहले भी यहां से कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। सबसे रोचक खींचतान फिरोजपुर को लेकर हो रही है। प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) इस सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक रमिंदर आवला को टिकट दिलवाना चाहते हैं। वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

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कांग्रेस भी इस बात को अच्छी तरह से समझ रही है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है। आवला अगर भाजपा के टिकट पर लड़ते हैं तो राणा सोढ़ी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। ऐसा होने पर कांग्रेस और भाजपा का हिसाब-किताब बराबर हो जाएगा।

बीजेपी की ये है रणनीति

श्री आनंदपुर साहिब से भाजपा किसी स्थानीय हिंदू उम्मीदवार को उतारने के पक्ष में दिखाई दे रही है। पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना और सुभाष शर्मा चुनाव लड़ने के इच्छुक तो हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक रुचि नहीं दिखाई है। भाजपा यह मान रही है कि यहां पर अगर मजबूत हिंदू चेहरा दिया जाए तो पार्टी को आशानुरूप परिणाम मिल सकते हैं।

आप और शिअद ने खेला सिख कार्ड 

कारण, पटियाला की तरह श्री आनंदपुर साहिब भी ऐसी सीट है, जहां पर हिंदू मतदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। आप और शिअद (SAD News) ने यहां पर सिख कार्ड खेला है। कांग्रेस ने विजय इंदर सिंगला के रूप में हिंदू चेहरे को आगे तो किया है लेकिन वह स्थानीय नेता नहीं हैं।

सिंगला संगरूर के हैं और वहीं से सांसद और विधायक भी रहे हैं। ऐसे में भाजपा स्थानीय चेहरे को सामने लाना चाहती है। फतेहगढ़ साहिब सीट पर भी भाजपा के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है।

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