अमरिंदर व प्रशांत किशोर में ठनी, कैप्टन ने सुनाई खरी-खरी
पंजाब में कांग्रेस के रणनीतिकार व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ठन गई है। कैप्टन ने कहा कि टिकट वितरण का फैसला सोनिया करेंगी।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2016 08:17 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने सलाहकार प्रशांत किशोर को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पार्टी प्रशासन, प्रबंधन, कार्यक्रम लागू करना और रणनीति बनाना हमेशा से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का विशेषाधिकार रहा है और रहेगा। उम्मीदवारों की पड़ताल व चुनाव प्रक्रिया में आईपैक (प्रशांत किशोर की कंपनी) की कोई भूमिका नहीं है और इसका सिर्फ सलाहकार का रोल है, जो रणनीति बनाने तक ही सीमित है।
कैप्टन ने कहा कि पार्टी की टिकट जारी करने का विशेषाधिकार सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास है। इसमें किसी अन्य की कोई भूमिका नहीं है। आवेदन फॉर्म के संबंध में पार्टी नेताओं में बढ़ रहे असंतोष के संबंध में पहली बार उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि पार्टी ने आवेदन मांगे हैं। यह प्रक्रिया तो लंबे समय से चलती आ रही है। हालांकि इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं।पढ़ें : कैप्टन बोले, कांग्रेस आटा-दाल स्कीम में चायपत्ती व चीनी भी देगीसीईसी करेगी अंतिम फैसला
कैप्टन ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी उम्मीदवारों की पड़ताल करेगी और सूची एआइसीसी को सौंपी जाएगी, जो इसको कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) को रेफर करेगी, जिसके पास आखिरी अधिकार हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रधान ने साफ किया कि एआइसीसी ने किसी भी एजेंसी को उम्मीदवारों की पड़ताल या चुनने संबंधी किसी भी प्रक्रिया को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है।पढ़ें : बादल बोले, मैं नहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे हैं ड्रामेबाजी
हट सकती है बूथ स्तर की गवाही की शर्त टिकट के लिए बूथ स्तर पर दो गवाहियों वाली शर्त कांग्रेस हटा सकती है। पार्टी में बड़े स्तर पर इसके खिलाफ दबाव बन रहा है। दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने पिछले दिनों लुधियाना के आत्म नगर में 'हलके विच कैप्टनÓ प्रोग्राम में यह घोषणा की थी कि विधानसभा टिकट के लिए 15 अगस्त तक आवेदन करने होंगे। इस पर किसी को ऐतराज नहीं था। आपत्ति इस शर्त को लेकर थी कि टिकट के दावेदार को बूथ स्तर से दो गवाहियां दिलानी होंगी यानी बूथ तक उसके दो समर्थक होने जरूरी हैं। पार्टी के कई सीनियर विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह शर्त प्रशांत किशोर ने रखवाई है। हालांकि अमङ्क्षरदर अभी अपने पूर्व एलान पर डटे हुए हैं।पढ़ें : बादल बोले, केजरीवाल का गुरु घर आना राजनीतिक स्टंटकैप्टन की टीम ही पूरी करेगी प्रक्रिया इस बीच आईपैक की ओर से जारी प्रेस बयान में साफ किया गया है कि प्रशांत किशोर की इनपुट के आधार पर ही पंजाब कांग्रेस ने चुनाव संबंधी प्रोफार्मा तैयार किया है, लेकिन इन्हें भरने, उनकी कलेक्शन और टिकट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी तरह से कैप्टन अमङ्क्षरदर और उनकी टीम ही पूरा करेगी।पहले भी सामने आया टकराव यह दूसरा अवसर है, जब कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने प्रशांत किशोर को खरी-खरी सुनाई है। जगमीत बराड़ और बीर दविंदर सिंह को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद भी प्रशांत किशोर ने दोनों ही निष्कासित नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद यह भ्रम पैदा हो गया था कि क्या उक्त नेताओं को वापस पार्टी में लिया जा रहा है। तब भी कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि पार्टी कैसे चलानी है, यह देखने का काम मेरा है। जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया, उन्हें वापस पार्टी में नहीं लिया जाएगा।पंजाब राजनीति से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।