पंजाब के वैक्सीनेशन का COVA app का डाटा CoWin पोर्टल पर नहीं हो रहा शेयर, केंद्र ने अभी नहीं दी इजाजत
पंजाब में 18+ का वैक्सीनेशन का डाटा कोवा एप पर अपलोड किया जा रहा है लेकिन यह डाटा केंद्र सरकार के कोविन एप पर शेयर नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने अभी इसकी अनुमति नहीं दी है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 27 May 2021 08:04 AM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन का काम 10 मई से शुरू हो गया था। 16 दिन बीत जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने पंजाब में इस आयु वर्ग में लगे वैक्सीन का डाटा स्वीकार नहीं किया है। इसकी वजह से पंजाब में इस आयु वर्ग के लोगों को लगने वाले वैक्सीन का डाटा केंद्र सरकार के पोर्टल को-विन (CoWin) पर अपलोड नहीं हो रहा है।
टीकाकरण को लेकर पंजाब सरकार के नोडल अधिकारी व विकास गर्ग का कहना है, स्वास्थ्य मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखे गए हैं। अभी तक केंद्र सरकार ने डाटा अपलोड करने की इजाजत नहीं दी है। बता दें, 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का रजिस्ट्रेशन केंद्रीय पोर्टल को-विन पर होता है। चूंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के ऊपर है, इसलिए इसका डाटा पंजाब सरकार कोवा एप (COVA app) पर डाल रही है, पर इसे को-विन पोर्टल से जोड़ने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। पंजाब सरकार अपने कोवा एप पर इस आयु वर्ग के लोगों की रजिस्ट्रेशन कर रही है।
इसका मुख्य कारण यह है कि राज्य सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण को पहले चरण में तीन हिस्सों में बांटा है। जिसमें निर्माण क्षेत्र से जुड़े हुए श्रमिक, उसके बाद अध्यापक और तीसरे स्थान पर सरकारी कर्मचारी व अधिक जोखिम वाले बीमार व्यक्तियों को रखा गया है। वहीं, केंद्र सरकार उम्रवार डाटा की मांग कर रही है। चूंकि इस आयु वर्ग में अपनी कैटेगिरी बनाना राज्य सरकार के हाथ में है, इसलिए वह अपने हिसाब से डाटा तैयार करवा रही है।
विकास गर्ग कहते हैं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कैसे डाटा तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार को इस संबंध में लिखा गया है। हमारा डाटा तैयार है, जैसे ही वह डाटा को को-विन पोर्टल पर अपलोड करने को कहेंगे हम कर देंगे। बता दें कि राज्य में 18 से 44 आयु वर्ग में 4.27 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। अहम पहलू यह है कि इसी आयु वर्ग में प्राइवेट अस्पतालों में लगने वाली वैक्सीन का डाटा केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड हो रहा है, जबकि सरकारी अस्पतालों में लगने वाली वैक्सीन का डाटा राज्य सरकार के कोवा एप पर अपलोड किया जा रहा है।
हालांकि दोनों ही जगहों से वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट भी मिल रहा है जोकि पूर्ण रूप से मान्य है। दूसरा पहलू यह भी है कि सरकारी अस्पतालों में ही हेल्थ वर्कर या फ्रंट लाइन वर्कर का डाटा केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, क्योंकि इन दोनों ही वर्गों को केंद्र सरकार ने मान्यता दी हुई है।
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