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फिर नहीं हो सका आशुतोष महाराज के अंतिम संस्‍कार पर फैसला

आशुतोष महाराज के अंतिम संस्‍कार पर फिर फैसला नहीं हो सका। हाई कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन अौर दिव्‍य ज्‍याेति संस्‍थान के प्रतिनिधियों की बैठक में पहले की तरह गतिरोध बना रहा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 10 Jul 2016 10:21 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज के गहन समाधि व उनके शरीर के अंतिम संस्कार के मामले को लेकर चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर में हुई बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। बैठक हाईकोर्ट के निर्देशों पर हुई।

ढाई साल से गहन समाधि में होने का दावा, हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई बैठक बेनतीजा

हाईकोर्ट ने महाराज की गहन समाधि में होने के दावे को लेकर पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर संस्थान के संचालकों के साथ बैठक करके इस बारे में जल्द फैसला किया जाए। संस्थान ने फिर कहा कि महाराज जीवित हैं अौर 29 जनवरी, 2014 से गहन समाधि में हैं। इसलिए वे समाधि से बाहर आने तक उनका इंतजार करेंगे। उनके शरीर को संस्थान के अंदर ही डीप फ्रीजर में रखा गया है। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था।

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पुत्र ने अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी थी

बिहार निवासी दिलीप कुमार झा ने हाईकोर्ट में महाराज के शरीर के अंतिम संस्कार और उनका उत्तराधिकारी होने का दावा भी पेश किया था। दिलीप का कहना है कि वह महाराज के पुत्र हैं। हालांकि इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है कि दिलीप का महाराज के साथ किसी प्रकार का रिश्ता है या नहीं।

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संस्थान के प्रवक्ता शुरू से ही दिलीप के दावे का नकारते आ रहे हैं। उनका कहना है कि महाराज धर्म गुरु हैं। संन्यास ले चुके हैं। उनके परिवार के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। इसलिए इस ऐसे दावे करके संस्थान व महाराज के छवि के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

2 अगस्त को होगी सुनवाई

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व संस्थान को महाराज की गहन समाधि व उनके शरीर के अंतिम संस्कार को लेकर उनकी राय जानने के लिए दो माह का समय दिया है। सुनवाई 2 अगस्त को होगी। संस्थान के प्रवक्ता स्वामी विशालानंद महाराज ने कहा कि प्रशासन के साथ हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया। हम पहले भी अपना पक्ष रख चुके हैं आैर इस बार भी रखा है।

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