पंजाब ने शराब ठेके खोलने की इजाजत मांगी, कैप्टन ने की 3000 करोड़ अंतरिम मुआवजेे की भी डिमांड
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से वित्तीय संकट से निपटने के लिए पंजाब में शराब ठेके खोलने की इजाजत देने की मांग की है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 22 Apr 2020 09:16 AM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पंजाब की नाजुक वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए मांग की है कि चरणबद्ध ढंग से शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी जाए। उन्होंने गृहमंत्री को भेजे एक पत्र में लिखा है कि शराब के ठेके खुलने से वैट व आबकारी का राजस्व जुटाया जा सकेगा। राज्य सरकार को इजाजत दी जाए कि वह कोविड-19 की रोकथाम के लिए शारीरिक दूरी को सख्ती से यकीनी बनाते हुए कुछ इलाकों में शराब की बिक्री का फैसला ले सके। इससे राज्य सरकार को रोजाना के खर्च पूरा करने में राहत मिलेगी।
राज्य में राजस्व की अनुमानित प्राप्ति व खर्च में चिंताजनक बढ़ रहे अंतर का हवाला देते हुए कैप्टन ने केंद्र सरकार से 3000 करोड़ के अंतरिम मुआवजे की मांग की। इसके साथ ही 4400 करोड़ रुपये का बकाया जीएसटी भी तुरंत जारी करने की मांग उठाई। कैप्टन ने कहा कि पिछले चार महीनों का जीएसटी रुका हुआ है।
वित्तीय संकट का सामना कर रहा राज्य
कैप्टन ने लिखा कि लॉकडाउन के कारण राज्य बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वह पंजाब को कोरोना के कारण राजस्व के हुए नुकसान को पूरा करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की मुआवजा राशि तुरंत जारी करे। राज्य सरकार ने 2020-21 के बजट में अप्रैल के लिए पहले ही 3360 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया था, जिसमें जीएसटी से 1322 करोड़, पेट्रोलियम पदार्थों से मिलने वाला वैट 465 करोड़, आबकारी से 521 करोड़ रुपये, मोटर व्हीकल टैक्स के 198 करोड़, बिजली टैक्स के 243 करोड़, स्टांप ड्यूटी के 219 करोड़ और गैर करों से एकत्रित होने वाला 392 करोड़ का राजस्व आना था। इनमें भारी नुकसान होगा, क्योंकि सारी गतिविधियां ठप हैं। एसजीसीटी, आइजीएसटी, वैट, आबकारी, स्टांप ड्यूटी और मोटर व्हीकल टैक्स के रूप में आने वाला रेवेन्यू मामूली रह गया है। बिजली की खपत कम होने से बिजली डयूटी से आने वाला रेवेन्यू भी साठ फीसद कम हो गया है।
7301 करोड़ के बजट की जरूरत
सीएम ने कहा कि अप्रैल में पेंशन, वेतन, कोविड-19 के राहत कार्य, स्वास्थ्य आदि के लिए 7301 करोड़ रुपये के बजट की आवश्कता है। गौरतलब है कि पंजाब में कर्फ्यू के कारण शराब के ठेके भी बंद हैं और 31 मार्च के बाद लागू होने वाली नई आबकारी नीति भी लागू नहीं हो सकी है।ठेकेदारों की मांग, सरकार चाहे तो कोरोना सेस लगा दे
एक्साइज विभाग के पास लगातार मांग आ रही है कि शराब की सेल को या तो ऑनलाइन शुरू किया जाए या कुछ तय समय के लिए खोलने की इजाजत दी जाए। ठेकेदार तो यहां तक मांग रहे हैं कि सरकार चाहे तो शराब पर कोरोना सेस लगा दे। लॉकडाउन व कफ्र्यू के कारण पंजाब सरकार को रोजाना 15.76 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। हालांकि, एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विवेक प्रताप का कहना है कि कई मामलों में राज्य सरकार केंद्र से बाहर नहीं जा सकती है। जिन राज्यों ने ठेके खोले भी थे, उन्होंने भी केंद्र के फैसले के बाद बंद कर दिए थे।
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