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बाढ़ का खतरा बढ़ा, तीन राज्यों की आपात बैठक आज; सीएम ने जारी किए 100 करोड़

पंजाब के बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राज्‍य में सभी नदियां उफान पर हैं और कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आबादी वाले इलाकों में घुस गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:49 AM (IST)
बाढ़ का खतरा बढ़ा, तीन राज्यों की आपात बैठक आज; सीएम ने जारी किए 100 करोड़
चंडीगढ़/रूपनगर, जेएनएन। पंजाब में भले ही बारिश थम गई, लेकिन बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। राज्‍य में सभी नदियां उफान पर हैं और कई जिलों में आबादी क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है। काफी संख्‍या में लाेगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। कई गांवों का अन्‍य क्षेत्रों से संपर्क कट गया है। भाखड़ा बांध का जलस्तर 1681.23 फीट पहुंचने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। इसे देखते हुए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने आज पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की आपात बैठक बुलाई है, ताकि यह फैसला किया जा सके कि बांध से कितना पानी छोडऩा है।

मुख्यमंत्री ने रूपनगर व अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ को प्राकृतिक आपदा घोषित किया

इस बीच रूपनगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तुरंत 100 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी करने के आदेश दिए। सरकार ने बाढ़ को प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। सीएम ने बाढ़ में डूबी फसलों का मुआवजा तय करने के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। वहीं, फिरोजपुर मंडल ने जालंधर रेलवे सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है।

विशेष गिरदावरी कर किसानों को दिया जाएगा डूबी फसल का मुआवजा

भाखड़ा बांध का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 61 फीट ज्यादा है। हालांकि बारिश कम होने से 25 हजार क्यूसिक पानी की आमद घटी है। प्रदेश में 250 से अधिक गांव खाली करवाए गए। इनमें फिरोजपुर के 52, जालंधर के 81, नवांशहर के 67, रूपनगर के 28, लुधियाना 17, मोगा के चार, तरनतारन के तीन व कपूरथला में 2 गांव शामिल हैं। लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है। इसके अलावा सैकड़ों गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। रूपनगर में ड्रेनेज विभाग के चीफ इंजीनियर ने सीएम को बताया कि ब्यास व रावी दरिया की स्थिति काबू में है। सतलुज उफान पर है।

सेना व एनडीआरएफ तैनात, बॉर्डर पर फेंसिंग डूबी

फिरोजपुर के मक्खू व जीरा में सेना के तीन टुकडिय़ों में 240 जवानों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की टीमों को हुसैनीवाला से सटे 17 गांवों में राहत कार्यों पर लगाया गया है। सीमा पर कई पोस्टें व फेंसिंग को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है। बीएसएफ के जवान मोटरबोट से गश्त कर रहे हैं। मोगा में बचाव दल ने महिला व पुरुष को बहने से बचाया। जालंधर में एक युवक लापता है। जालंधर में 50 गांवों में 15 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। यहां 80 लोगों को सकुशल निकाला गया। अधिकांश गांवों का शहर से संपर्क कट गया है। लुधियाना में सतलुज उफान पर है। पांच गांवों में पानी भर गया है। एनडीआरएफ की टीम बचाव में लगी है।

बदले-बदले महाराज, बाढ़ में फंसे लोगों के बीच हमदर्द का अंदाज

रूपनगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का अंदाज बदला-बदला दिखा। आम लोगों से दूरी बनाए रखने पर विपक्ष के निशाने पर रहने वाले कैप्टन ने बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की और उनके दुख-दर्द सुने।  मुख्यमंत्री इस बार हेलीकॉप्टर से नहीं बल्कि सड़क मार्ग से रूपनगर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। बाढ़ के पानी में जूते भीग गए लेकिन कैप्टन लोगों के बीच खड़े होकर उनकी परेशानियां सुनते रहे। लोगों को ढांढस बंधाया कि सरकार उनकी हर मुश्किल दूर करेगी।

गांव खैराबाद में बरसाती नदी बुधकी के भ्योरा में बांध टूटने से बाढ़ आई है। इस गांव में कैप्टन गाड़ी से उतर गए और पानी में चलते रहे। एक जगह सड़क पर बिजली का खंभा गिरा था तो उसके नीचे से निकल गए। एक बार तो सीएम सुरक्षा दस्ते ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की, लेकिन वे बिना किसी की परवाह किए आगे बढ़ते गए।

मुख्यमंत्री को इस दौरान अफसरों ने दिखाया कि बुधकी नदी का किनारा किस ओर से टूटा हुआ है।

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इससे पहले कैप्टन सतलुज की जद में बनी मुस्लिम समुदाय की झुग्गियों के प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि उन्हें उपयुक्त जगह मुहैया करवाई जाएगी। इस दौरान भी सुरक्षा दस्ता लोगों को रोकता रहा, लेकिन कैप्टन लोगों को अपने पास बुलाकर उनका हाल पूछते रहे। बाढ़ के पानी में डूबे आइआइटी परिसर से पानी निकालने के लिए डायरेक्टर प्रो. सरित कुमार दास को प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता मुहैया करवाने का भरोसा भी दिया।

नारेबाजी सुन रुकवाया काफिला

गांव खैराबाद से कैप्टन वापस जाने लगे तो कुछ लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें खुलकर बात नहीं करने दी। यह बात पता चलने पर मुख्यमंत्री काफिला रुकवाकर गाड़ी से नीचे उतर गए। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी हर संभव सहायता की जाएगी।

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