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पंजाब में लाल डोरा के अंदर रहने वालों को बड़ी राहत, मिलेगा प्रापर्टी का अधिकार

पंजाब में अब लाल डोरा के भीतर रहने वाले ग्रामीणों को प्रापर्टी का अधिकार मिल सकेगा। इसके लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में स्वामित्व योजना को मंजूरी दे दी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 19 Feb 2021 06:12 PM (IST)
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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में गांव की सीमा यानी लाल लकीर (लाल डोरा) के अंदर रहने वाले लोगों को अब उनके घरों के प्रापर्टी राइट्स मिल जाएंगे। यानी अब उनकी आवासीय प्रापर्टी की रजिस्ट्री हो सकेगी, उनको मकान बनाने के लिए बैंकों से कर्ज मिल जाएगा। उनके मकानों की हदों की निशानदेही हो जाएगी। इसके लिए आज पंजाब कैबिनेट ने स्वामित्व योजना को मंजूरी दे दी है। पहले यह ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को दी गई थी लेकिन अब इसे राजस्व विभाग को सौंप दिया गया है।

पंजाब सरकार इसके लिए जल्द ही एक कानून लाने जा रही है। संभव है कि इसी महीने शुरू होने वाले बजट सेशन में इसे पेश किया जाए। राजस्व विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विश्वजीत खन्ना इसे लागू करने संबंधी कैबिनेट की बैठक में एक प्रेसेनटेंशन दी और बताया कि यह किस तरह लागू होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इसको लागू करने के लिए एक कानून की जरूरत है जिसको राजस्व आयोग तैयार कर रहा है।

क्यों करना पड़ रहा है ऐसा

पंजाब सहित पूरे देश में गांव की लाल लकीर के अंदर रहने वाले लोगों के पास जो घर हैं उसका सिर्फ कब्जा ही उनके पास है। उस मकान आदि के दस्तावेज उनके पास नहीं हैं, क्योंकि जब गांव बसते थे तो लोगाें को रहने के लिए इसी तरह थोड़ी थोड़ी जमीन दे दी जाती थी। अब अगर गांव में रहने वाले व्यक्ति को मकान आदि बेचना है तो उसे पंचायत से तस्दीक करवाना पड़ता है कि संबंधित जगह उसकी है, इसीलिए अपना ही मकान बनाने, उसको ठीक करवाने या उसका विस्तार आदि करने के लिए अगर किसी को लोन लेने की जरूरत होती है तो बैंक उसे लोन नहीं देते।

विधानसभा में भी अक्सर कई बार इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है। आगामी चार साल में इस योजना में पूरे देश के 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा। पहले चरण में छह राज्यों का चयन किया गया है जिसमें पंजाब शामिल नहीं था, लेकिन अब पंजाब को विशेष रूप से शामिल कर लिया है। पंजाब में गुरदासपुर जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। इससे भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने का अवसर मिलेगा, वहीं वित्तीय तरलता को बढ़ावा मिलेगा। देश भर में लगभग 300 नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन की स्थापना होगी। जिसके माध्यम से ड्रोन तकनीक और नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन के द्वारा आवासीय भूमि की पैमाइश की जाएगी।

यह है लाल डोरा सिस्टम

लाल डोरा सिस्टम को अंग्रेजों ने सन् 1908 में बनाया था। उस समय रेवेन्यू रिकार्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक़्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींच दी जाती थी। लाल लाइन की वजह से इसके तहत आने वाली जमीन या क्षेत्र लाल डोरा कहलाने लगा। लैंड रिकार्ड में इस जमीन का नंबर जीरो दिखाया जाता है। पता चला है कि जब यह योजना लागू होगी तो इस जमीन की जमाबंदी अलग से बनेगी।

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