Move to Jagran APP

विधायक धीमान के कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती तेवर, बोले- नाराज MLA सरकार गिरा दें, नवजोत सिद्धू भी आक्रामक

पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान थमने के बजाय अब बढ़ने लगा है। हाईकमान ने नेताओं को शांत रहने को कहा है। वहीं इस बीच विधायक सुरजीत धीमान ने कहा कि नाराज विधायकों को इस्तीफा देकर सरकार गिरा देनी चाहिए।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 23 May 2021 07:37 AM (IST)
Hero Image
कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुरजीत धीमान व नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर भले ही पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी विधायकों और मंत्रियों से शांत रहने की अपील की है, लेकिन उनकी अपील कांग्रेस विधायकों का गुस्सा ठंडा नहीं कर पा रही है। हाईकमान के इस सुझाव पर जहां पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने हाईकमान के फैसले का इंतजार करने की बात कही है, वहीं अमरगढ़ से कांग्रेस विधायक सुरजीत धीमान ने एक बार फिर कहा कि लोगों का हमारी सरकार से विश्वास उठ गया है।

धीमान ने कहा कि लोग हमें सवाल कर रहे हैं कि साढ़े चार साल में हमने विभिन्न मुद्दों पर कोई इंसाफ नहीं दिलाया। उन्होंने कहा कि नाराज विधायकों को इस्तीफा देकर सरकार गिरा देनी चाहिए। शनिवार को विधायक धीमान ने कहा, 'असीं कुर्सी दा स्वाद की लेणा जे असीं लोकां दा कुछ नहीं कर सकदे। मैं ओनां सारे विधायकां नूं केह रिहा हां कि जिस तरां दे हालात ने ओहनां नू सरकार दा बहुमत तोड़ देना चाहिदा है। नाराजगी दी अग्ग बहुत दूर तक फैल गई है। (हमने कुर्सी का स्वाद क्या लेना है जब हम लोगों के लिए कुछ कर ही नहीं सकते। मैं उन सभी विधायकों से कह रहा हूं कि जिस तरह के हालात बन गए हैं उन्हें सरकार का बहुमत गिरा देना चाहिए, नाराजगी की आग बहुत दूर तक फैल चुकी है)।

यह भी पढ़ें : हरियाणा में बीपीएल परिवारों को बड़ी राहत, सरकार उठाएगी कोरोना के इलाज का पूरा खर्च

उन्होंने कहा कि नवजोत सिद्धू को आगे लगना चाहिए, वही एक आशा की किरण रह गए हैं। धीमान ने दावा किया कि अगर सिद्धू लीड करते हैं तो कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता में आएगी। उधर, नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को एक बार फिर ट्वीट करके मुख्यमंत्री को जवाब दिया कि अब तक उन्होंने किसी भी पार्टी के नेता से अलग बैठक नहीं की। हालांकि सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम नहीं लिखा, लेकिन यह वार सीधा कैप्टन पर ही है, क्योंकि कैप्टन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सिद्धू आम आदमी पार्टी के साथ बैठकें कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : पंजाब कांग्रेस में घमासान: प्रताप सिंह बाजवा का अल्टीमेटम- वादा पूरा न हुआ तो 45 दिन बाद मैं भी आजाद होऊंगा और कैप्टन भी

सिद्धू ने लिखा कि उन्होंने कभी कोई पद नहीं मांगा। बार-बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल होने का आफर दिया गया, पर उन्होंने मंत्री का पद स्वीकार नहीं किया। अब पार्टी हाईकमान ने दखल दिया तो वह वह फैसले का इंतजार करेंगे। बता दें, कोटकपूरा गोलीकांड के बारे में हाई कोर्ट के फैसले के बाद से ही कांग्रेस में घमासान तेज हो गया है।

यह भी पढ़ें : आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिवारिक सदस्य को पंजाब में सरकारी नौकरी देने की तैयारी

मंत्रियों, विधायकों ने सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अलग-अलग ग्रुपों में बैठकें कर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। इसी बीच, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मी-टू का पुराना मामला खोलने की चर्चा ने जोर पकड़ा तो विधायक परगट सिंह ने कैप्टन के राजनीतिक सचिव कैप्टन संदीप संधू की ओर से धमकी देने के आरोप लगाए। इस कारण विधायकों की नाराजगी भी बढ़ रही है।

यह भी पढ़ें : पंजाब में ब्लैक फंगस से जुड़ी छह सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत होंगी कवर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।