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कोविड प्रोटोकाल तोड़ा तो पंजाब में लग सकती हैं और पाबंदियां, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा 8 को लेंगे फैसला

पंजाब में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार भी चिंतित है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि हालत में सुधार नहीं हुआ तो राज्य में और पाबंदियांं लगाई जा सकती हैं ।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 01 Apr 2021 09:41 AM (IST)
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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना के रोजाना औसत 2500 मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर राज्य में कोरोना की स्थिति में अगले सप्ताह तक सुधार न हुआ तो सख्त बंदिशें लगाई जाएंगी। अगली समीक्षा बैठक आठ अप्रैल को की जाएगी।

वहीं केंद्र सरकार की ओर से कोरोना टेस्टिंग और पाजिटिव लोगों के एकांतवास को लेकर पंजाब पर लगाए गए लापरवाही के आरोपों पर पलटवार करते हुए कैप्टन ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने 45 साल तक के लोगों को टीका लगाने में दो महीने की देरी न की होती तो पंजाब में हालात बेहतर होते। पंजाब में कई पाबंदियां लागू हैैं और प्रभावित जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब में रोजाना 40 हजार सैैंपलों की जांच की जा रही है। आरटीपीसीआर के जरिए 90 फीसद व आरएटी के जरिए 10 फीसद टेस्टिंग की जा रही है। प्रति 10 लाख के हिसाब से यह टेस्टिंग 1,96,667 तक पहुंच चुकी है जो राष्ट्रीय औसत 1,82,296 से ज्यादा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कोरोना के सामथ्र्य का पता लगाने के लिए भेजे गए 874 नमूनों में से केवल 588 की रिपोर्ट आने पर केंद्र का ध्यान खींचते हुए कहा कि 588 में से 411 नमूनों में यूके वेरिएंट और दो में एन440के पाया गया है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि यूके वायरस के मामले सामने आने की चुनौती पर ध्यान देने की जरूरत है।

कैप्टन ने सेहत विभाग को टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना से बड़ी संख्या में प्रभावित जिलों में मोहल्ला स्तर पर योग्य लोगों तक पहुंच बनाई जाए। वहीं, कोरोना माहिरों की कमेटी के चेयरमैन डा. केके तलवाड़ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बंदिशें बढ़ाए जाने की जरूरत है।

मार्च अंत में ठीक होने वाले बढ़े, मौतें अब भी चुनौती

पंजाब में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े के बीच बुधवार को राहत इस बात को लेकर रही कि नए मामलों के मुकाबले में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा रही, लेकिन मौत के आंकड़े अब भी चुनौती बने हुए हैैं। 24 घंटे में 2452 नए मामले सामने आए हैैं जबकि 2788 लोगों ने कोरोना को मात दी। वहीं 56 लोगों की कोरोना के कारण मौत भी हुई।

सबसे ज्यादा नौ-नौ मौतें जालंधर व होशियारपुर में हुईं। वहीं लुधियाना व पटियाला में आठ-आठ, मोहाली में पांच, कपूरथला, में चार, अमृतसर व संगरूर में तीन-तीन, फरीदकोट व मुक्तसर में दो-दो और मोगा, तरनतारन व पठानकोट में एक-एक कोरोना मरीज ने दम तोड़ दिया। बुधवार को जालंधर में संक्रमण के सबसे ज्यादा 343, लुधियाना में 328, अमृतसर में 296, मोहाली में 254, पटियाला में 205, होशियारपुर में 161, बठिंडा में 144, कपूरथला में भी 144, गुरदासपुर में 127 और रोपड़ में 105 मामले सामने आए।

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