शकील अहमद की छुट्टी, कमलनाथ होंगे नए पंजाब कांग्रेस प्रभारी
कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ को पंजाब व हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया है। इससे पहले शकील अहमद पंजाब- हरियाणा के प्रभारी थे।
जेएनएन, चंडीगढ़ । हरियाणा के राज्यसभा वोटिंग कांड को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते और कांग्रेस ने प्रभारी शकील अहमद की छुट्टी कर दी। शकील अहमद हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों के प्रभारी थे। अब कमलनाथ हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों के कांग्रेस प्रभारी होंगे। वे मध्य प्रदेश के हैैं और राजनीति में जोड़-तोड़ के माहिर माने जाते हैैं।
बता दें कि शनिवार को हरियाणा राज्यसभा के लिए वोटिंग हुई। जिसमें कांग्रेस के खुले समर्थन के ऐलान के बाद भी आरके आनंद राज्यसभा की रेस नहीं जीत पाए। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने परोक्ष रूप से आनंद की राह में रोड़े अटकाए।
हरि प्रसाद की नियुक्ति से मिले शकील की छुट्टी के संकेत
राज्यसभा के लिए रणनीति बनाते वक्त जिस तरह से हाईकमान और कांग्रेस विधायकों के बीच शकील अहमद एक कड़ी का काम कर रहे थे। लेकिन जब अचानक ही राज्यसभा चुनाव के लिए बीके हरि प्रसाद को ऑब्जर्वर बनाया गया तो ये समझ आ गया था कि शकील अहमद को प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करने की योजना बन रही है।
लंबे वक्त से लगाए जा रहे थे अहमद को हटाने के कयास
उल्लेखनीय है कि डॉ. शकील अहमद लंबे समय से हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी हैैं। बीच में विदेश दौरे के दौरान उनके हटाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था, लेकिन वो मात्र अफवाहें ही साबित हुईं। इस दौरान कयास लगाए जाने लगे थे कि आशा कुमारी को प्रभारी बनाया जा सकता है क्योंकि उस वक्त आशा सह-प्रभारी थीं। तब आशा ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी।
कमलनाथ के सामने एकजुट रखने की चुनौती
अब नए नियुक्त प्रभारी कमलनाथ के सामने कांग्रेस के विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती होगी। अगर राज्यसभा कांड में वाकई कांग्रेस के एक धड़े ने हाईकमान से दगा किया है तो कमलनाथ उससे कैसे निपटेंगे ये भी देखने लायक होगा। साथ ही कमलनाथ के लिए इस वक्त मजबूत स्थिति मेें खड़े विरोधियों की चालों को फेल करने की भी चुनौती कम नहीं है।
पंजाब में चुनाव भी एक वजह हो सकती है, पर फैसले की टाइमिंग खराब
कमलनाथ को हरियाणा के साथ-साथ पंजाब का भी प्रभारी बनाया गया है। इससे पहले शकील अहमद पर भी दोनों राज्यों की जिम्मेदारी थी। बता दें कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही प्रभारी बदलने के कयास लगाए जा रहे थे। ऐेसे में प्रभारी बदलने की एक वजह अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव हो सकती है