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पंजाब में मंत्री के घर जुटे CM कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज 6 MLA, हाईकमान की अनदेखी से बढ़ रही बेचैनी

पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान थम नहीं रहा है। गत दिवस एक बार फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज कुछ कांग्रेस विधायक मंत्री रंधावा के घर पर जुटे। बताया जा रहा है कि इस दौरान विधायकों के बीच फैले असंतोष पर चर्चा हुई।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 26 May 2021 09:59 PM (IST)
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पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान थम नहीं रहा। सांकेतिक फोटो
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच गत दिवस एक बार फिर छह विधायक सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा के साथ उनके आवास पर मिले। भले ही इस मुलाकात को लेकर विधायकों का कहना है कि वह अपने हलकों के काम के लिए कैबिनेट मंत्री से मिले हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी में चल रहे घमासान के बीच नेताओं के बीच असंतोष बढ़ रहा है।

सीेएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज नेताओं में बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है और वह किसी न किसी बहाने एक दूसरे के घर पर जाकर रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िग, रमिंदर आमला, कुलबीर जीरा, प्रीतम सिंह कोटभाई और बरिंदरजीत सिंह पाहड़ा ने मुलाकात की। मंत्री सहित विधायकों ने इस मुलाकात को हलकों से संबधित मुद्दों को लेकर हुई चर्चा बताया।

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अमरिंदर सिंह राजा वड़िग ने कहा कि मंत्री से मिलने का मतलब यह नहीं है कि कोई बैठक हुई है। अगर मैं कोई बैठक करूंगा तो खुलकर बताऊंगा कि बैठक में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि वह अपने हलके संबंधी कुछ ट्रांसफर करवाने के लिए आए थे। अन्य विधायक भी इसी तरह के काम लेकर मंत्री से मिलने पहुंचे थे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि 18 मई को कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ प्रेस कान्फ्रेंस करने से रोका था।

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पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने इसके साथ ही आश्वासन दिया था कि जल्द ही कांग्रेस हाईकमान नाराज नेताओं की बात सुनेगी, लेकिन एक सप्ताह का समय बीत जाने के बावजूद हाईकमान की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है। जिस कारण नाराज नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है। बता दें, सोमवार को जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक परगट सिंह के आवास पर भी बैठक हुई थी।

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मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी के साथ बैठक करने के उपरांत परगट सिंह ने कहा था कि विधायकों को सरकार गिरा देनी चाहिए। भले ही मंत्री या विधायक मंगलवार की बैठक को लेकर खुलकर कुछ भी नहीं बता रहे, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

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कांग्रेस में चल रहे घमासान पर सुखबीर की टिप्पणी

वहीं, अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चार साल से अकाली दल मुख्यमंत्री के निकम्मेपन को लेकर सवाल उठा रही थी। अब उन्हीं के पार्टी के मंत्री और विधायक सवाल उठाने लगे है। ऐसे में मुख्यमंत्री को एक पल के लिए भी अपनी सीट पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि अब उनकी पार्टी के विधायक ही सरकार गिराने की बात कर रहे है।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री न सिर्फ सरकार चलाने में बल्कि कोविड में लोगों की जान बचाने के मामले में भी फेल साबित हुए है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 13000 से ज्यादा कीमती जाने कोविड के कारण जा चुकी है। इस महामारी में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन है, लेकिन पंजाब सरकार वैक्सीनेशन को लेकर गंभीर ही नहीं है।

कांग्रेस सरकार के नीयत पर सवाल उठाते हुए अकाली दल के प्रधान ने कहा कि एसजीपीसी ने स्पूतनिक से बात कर 5 दिनों में वैक्सीन मंगवा ली तो पंजाब सरकार क्यों नहीं मंगवा सकती है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार केवल उन्हीं कंपनियों को संपर्क कर रही जिसे अभी भारत सरकार ने ही इजाजत नहीं दी है। सुखबीर ने कहा कि वह फौज कभी नहीं जीतती जिसका जनरैल आगे न आए। मुख्यमंत्री खुद तो फार्म हाउस में है और सारी जिम्मेदारी उन्होंने अफसरों को दे रखी है।

उन्होंने सवाल उठाया कि कोविड महामारी के इस दौर में पंजाब सरकार का कौन सा मंत्री या अधिकारी अस्पतालों में दौरा करने के लिए कहा, जबकि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा महाराष्ट्र की नगर निगम ने अपने यहां पर वैक्सीन लगवाने के लिए 600 करोड़ के बजट का एलोकेशन किया। महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कंट्रोल में ले लिया और सरकारी रेट पर मरीजों का इलाज करवाया। पंजाब में कांग्रेस सरकार ने ऐसे कदम क्यों नहीं उठाए। क्योंकि सरकार की नीयत नहीं है।

सुखबीर बादल ने मांग की कि मुख्यमंत्री को तुरंत कैबिनेट बैठक बुलाकर 1000 करोड़ रुपये वैक्सीन के लिए एलोकेट करने चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को तीसरी लहर की तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए 20000 वेंटीलेटर लगाने के तुरंत आर्डर देने चाहिए। इन वेंटीलेटरों को चलाने के लिए टेक्नीकल स्टाफ की तुरंत भर्ती की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को कोविड के चलते लोगों का छह माह का बिजली का बिल माफ करना चाहिए। कच्चे सफाई सेवकों को तुरंत पक्का किया जाना चाहिए । क्योंकि उनकी हड़ताल की वजह से सफाई की बुरी हालत हो गई है। कोविड काल में यह समस्या और न बढ़े इसके लिए मुख्यमंत्री को यह कदम तुरंत उठाने चाहिए।

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