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अदालतों में अब नॉन अर्जेंट केस की भी होगी फाइलिंग, रखना होगा पांच बातों का ध्यान

पंजाब एवं हरियाणा की जिला अदालतों में अब अर्जेन्ट केसों के साथ नॉन अर्जेन्ट केसों की फाइलिंग किए जाने के लिए सभी सेशन जजों को आदेश दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 11 Jun 2020 09:47 AM (IST)
अदालतों में अब नॉन अर्जेंट केस की भी होगी फाइलिंग, रखना होगा पांच बातों का ध्यान
जेएनएन, चंडीगढ़। कोविड-19 के चलते लॉकडाउन और कर्फ्यू में ढील दिए जाने के साथ ही अब हाई कोर्ट ने भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की सभी जिला अदालतों में अर्जेन्ट केसों के साथ नॉन अर्जेन्ट केसों की फाइलिंग किए जाने के लिए सभी सेशन जजों को आदेश दे दिए हैं।

हाई कोर्ट की एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी ने बैठक कर निर्णय लिया है कि अब मौजूदा परिस्थिति में अर्जेन्ट केसों के साथ नॉन-अर्जेन्ट केसों की भी जिला अदालतों में सुनवाई शुरू की जा सकती है । इसके लिए हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के सभी सेशन जजों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने क्षेत्राधिकार में रेड, ऑरेंज, ग्रीन और कन्टेनमेंट जोन में पडऩे वाली अदालतों के अनुसार ही इस पर आगे निर्णय ले सकते हैं। इस आदेश को फेस्ड मेनर में कैसे लागू किया जाए हाई कोर्ट ने इसका निर्णय सेशन जजों पर छोड़ा है।

हाई कोर्ट ने निर्देश इन बातों का रखें ध्यान

  1. कोशिश की जाए कि अदालतों में कम से कम लोगों की आवाजाही हो।
  2. फिजिकल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के साथ हैंड सैनिटाइजर के साथ ही आने की इजाजत दी जाए।
  3. बिना मास्क के अदालत में आने पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए।
  4. जिला अदालतों के सभी गेट्स पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाए।
  5. अदालतों में कार्यरत अधिकारी और किसी कर्मी में अगर हल्के से भी सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण मिलते हों तो उन्हेंं अदालत आने के लिए न कहा जाए।
अब सरकारी दफ्तरों में बुलाया जा सकेगा 50 फीसद से ज्यादा स्टाफ

उधर, पंजाब सरकार ने राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद से ज्यादा कर्मचारियों को बुलाने की इजाजत दे दी है। सरकार ने कहा है कि इन कर्मचारियों की अलग-अलग टीमें बनाई जाएं और इनकी शारीरिक दूरी सुनिश्चित की जाए, ताकि यदि टीम का कोई सदस्य संक्रमित होता है तो दफ्तर को बंद करने की बजाय केवल उस टीम के सदस्यों को ही क्वारंटाइन किया जाए। 

मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन के बाद दफ्तरोंं को खोलने व उनमें कर्मचारियों को बुलाने के लिए विभिन्न स्तर पर हुई बैठकों में सुझाव आया था कि 50 फीसद स्टाफ को हर सप्ताह बुलाने की बजाय कर्मचारियों को वैकल्पिक दिनों में बुलाया जाए। यानी 50 फीसद स्टाफ एक दिन आए और 50 फीसद अगले दिन।

मुख्य सचिव ने इस सुझाव पर आदेश दिया है कि वैकल्पिक दिनों पर स्टाफ को बुलाने का फैसला प्रबंधकीय सचिव या विभागों के डायरेक्टर अपने स्तर पर ले सकते हैं। कुछ विभागों के प्रबंधकीय सचिवों ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर 50 फीसद से ज्यादा स्टाफ भी बुलाया जा सकता है, लेकिन स्टाफ टीमों में काम करेगा।

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