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भारत के विरोध के बाद पाकिस्तान ने किया श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा मामले की अधिसूचना में संशोधन

भारत द्वारा विरोध जताए जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा मामले में जारी अधिसूचना में संशोधन कर दिया है। नई अधिसूचना में अब गुरुद्वारा दरबार साहिब की जगह करतारपुर कारिडोर प्रोजेक्ट कर दिया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:45 PM (IST)
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की फाइल फोटो। जागरण
जेएनएन, चंडीगढ़। पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की बाहरी जमीन पर नियंत्रण के मामले में पाक सरकार ने तीन नवंबर को जारी की गई अधिसूचना में संशोधन कर दिया है। ऐसा भारत सरकार के दबाव में किया गया है। नई अधिसूचना में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की जगह अब करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट कर दिया गया है।

पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने इस संशोधन की कॉपी भी जागरण को भेजी है। काबिलेगौर है कि 23 अक्टूबर को पाकिस्तान की कैबिनेट ने एवेक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) के तहत प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान बाॅडी का गठन किया था, जिसमें नौ सदस्यों को रखा गया। इसकी अधिसूचना तीन नवंबर को जारी हुई, जिसमें लिख दिया था कि श्री करतारपुर साहिब दरबार साहिब की मैैनेजमेंट और मेंटेनेंस का काम यह बाॅडी करेगी।

भारत में सिख सगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। शिरोमणि अकाली दल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी आदि ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। साथ ही पाकित्सान के प्रधानमंत्री इमरान खान से इस नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की गई।

सिख संगठनों का यह भी कहना था कि इस कमेटी में एक भी सिख सदस्य को नहीं लिया गया है। सिख संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया मिलने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस पर कड़ा एतराज जताया। इस ऐतराज को देखते हुए कल पाकिस्तान ने अधिसूचना में संशोधन कर दिया। ताजा संशोधन के अनुसार श्री करतारपुर साहिब दरबार साहिब की जगह करतारपुर कारिडोर प्रोजेक्ट के मैैनेजमेंट और मेंटेनेंस का काम इस बाडी की ओर से किए जाने की बात दर्ज की गई है।

पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने कहा कि पहले वाली अधिसूचना से गलत प्रभाव जा रहा था। हालांकि उन्होंने पहले भी यह स्पष्ट कर दिया था कि गुरुद्वारा साहिब का आंतरिक कंट्रोल गुरुद्वारा कमेटी के पास ही है, बाहरी जमीन को व्यावसायिक तरीके से इस्तेमाल करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि अब नए तरीके से संशोधन किए जाने के बाद गलतफहमी दूर हो जाएगी।

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