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आपराधिक मामलों में पंजाब के माननीय हरियाणा से आगे, हाई कोर्ट में दी जानकारी, जानें किन-किन बड़े नेताओं पर हैं केस दर्ज

सरकारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर नेताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मामलों की जानकारी दी। पंजाब में 96 माननीयों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं जबकि हरियाणा में 21 माननीयों के खिलाफ केस दर्ज हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 09:01 AM (IST)
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पंजाब में दागी माननीयों की संख्या हरियाणा से ज्यादा। सांकेतिक फोटो
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। आपराधिक मामलों में पंजाब के माननीय हरियाणा से आगे हैं। हरियाणा में 21 माननीयों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि पंजाब में 96 माननीयों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं चंडीगढ़ में माननीयों के खिलाफ सात मामले दर्ज वो सभी भी पंजाब के हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन ने हलफनामा दायर कर लंबित आपराधिक मुकदमों की हाई कोर्ट को जानकारी दी।

हाई कोर्ट के आदेशों पर पंजाब सरकार ने बताया है कि पंजाब के 96 पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ 163 मामले दर्ज हैं । इन 96 में से 4 मौजूदा, 5 पूर्व सांसद, 35 मौजूदा विधायक और 52 पूर्व विधायक शामिल हैं, जिनमें राज्य की सभी पार्टियों के नेता हैं। वहीं, हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि उनके राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ ऐसे 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

पंजाब के ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के आइजी अरुण पाल सिंह ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि पंजाब के जिन चार मौजूदा सांसदों के खिलाफ केस पेंडिंग हैं, उनमे भगवंत मान, सुखबीर सिंह बादल, रवनीत सिंह बिट्टू और बलविंदर सिंह भूंदड़ शामिल हैं। जिन 5 पूर्व सांसदों के खिलाफ केस पेंडिंग हैं उनमें सिमरनजीत सिंह मान, सुच्चा सिंह लंगाह, धर्मवीर गांधी, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और ध्यान सिंह मंड शामिल हैं।

इनके अलावा इस समय राज्य के 35 मौजूदा विधायकों सहित 52 पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की भी हाई कोर्ट को जानकारी दी गई हैं । इस सूची में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 1988 में दर्ज मामले की भी जानकारी दी गई है और बताया गया है कि चाहे इस मामले में वह बरी हो चुके हैं, लेकिन बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अभी रिव्यू पेंडिंग है। हाई कोर्ट को बताया गया कि इन 163 मामलों में 114 मामलों की जांच अभी जारी है, 22 मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं और 7 मामलों में अनट्रेस रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।

वहीं हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि हरियाणा में 21 पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हैं, जिनमें से 8 केस हरियाणा के पूर्व विधायकों और 2 केस हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं। इनके अलावा 3 केस सीबीआइ को सौंपे गए हैं। इन 21 में से 15 केस ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग हैं और 6 केस अपील और रिवीजन में हैं।

इसके साथ ही चंडीगढ़ ने हाई कोर्ट को बताया है कि चंडीगढ़ में ऐसे 7 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सभी पंजाब के पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायक हैं इन सभी केसों में जांच जारी है। हरियाणा में जिन माननीय के खिलाफ मामला दर्ज है उनमें पूर्व विधायक राम किशन गुर्जर, सुखबीर कटारिया, सुरेंद्र सिंह, रोशन लाल आर्य, सुभाष चौधरी, शेर सिंह, बाली पहलवान, सतविंद्र राणा व हिमाचल के पूर्व विधायक सांघी राम का नाम शामिल हैं।

जस्टिस राजन गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने इस जानकारी को रिकार्ड में लेते हुए अब केंद्र सरकार को सांसदों और विधायकों के खिलाफ सीबीआइ और ईडी द्वारा चलाए जा रहे केसों का भी ब्योरा अगली सुनवाई पर दिए जाने के आदेश दे दिए हैं।

बता दें, अश्विनी उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट ने ही सभी राज्यों के हाई कोर्ट को अपने राज्यों के जिन सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक कैसे चल रहे हैं उन सभी केसों की जानकारी मांगी थी। इन्ही आदेशों पर सभी राज्यों की हाई कोर्ट ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार के राज्यों से यह जानकारी मांगी थी। जो जानकारी सभी राज्यों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी, उसके अनुसार देशभर के 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मामले लंबित हैं।

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