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एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानें हरियाणा और पंजाब

हरियाणा में सर्वदलीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने के लिए हरियाणा व पंजाब बाध्य हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2016 02:30 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाइएल नहर के पानी का विवाद हम सुप्रीम कोर्ट में ले गए। हरियाणा हो या पंजाब, इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए और जिसके भी पक्ष में आए, उसे दोनों राज्यों को मानना पड़ेगा। मुख्यमंत्री यहां सर्वदलीय बैठक के उपरांत पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उनसे पंजाब विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर एसवाइएल का मुद्दा उछलने और सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पंजाब के पक्ष में न आने पर सरकार द्वारा त्यागपत्र देने से जुड़े सवाल पूछे गए तो मनोहर लाल ने कहा कि किसी को कुर्बानी देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सभी मानने के लिए बाध्य हैं।

प्रेजिडेंशियल रिफ्रेंस के संबंध में मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रेजिडेंशियल रिफ्रेंस की शीघ्र सुनवाई के लिए पैरवी की है क्योंकि यह मुद्दा पिछले 12 वर्षों से लंबित है और अब इस पर सर्वोच्च न्यायालय में नियमित सुनवाई हो रही है। राज्य की अलग हाईकोर्ट से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को केंद्रीय कानून मंत्रालय और सर्वोच्च न्यायालय समेत विभिन्न मंचों पर उठाया है।

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केजरीवाल के विरुद्ध ट्वीट पर दी सफाई

गुडग़ांव में यातायात जाम को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्वीट के जरिए जिम्मेदार ठहराने के सवाल पर सीएम ने आज सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके इस ट्वीट का गलत अर्थ निकाला गया है। उनका यह ट्वीट राष्ट्रीय पेरीफेरी रोड, जिसके निर्माण में दिल्ली सरकार सहयोग नहीं कर रही है, उसके संबंध में था।

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स्टेट एडमिनिस्टे्रटिव ट्रिब्यूनल का प्रस्ताव भेजा

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने स्टेट एडमिनस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है। हरियाणा सरकार ने अलग से ट्रिब्यूनल बनाने की घोषणा इसलिए की थी ताकि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे सेवा संबंधी मामलों का बोझ कम हो सके।

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सरस्वती नदी में नियमित पानी प्रवाह के इंतजाम करेगी सरकार

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरस्वती नदी धरती के नीचे आज भी प्रवाहमान है। राज्य के राजस्व रिकार्ड में 150 किलोमीटर भूमि आज भी नदी की ही है। सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि नदी को संचालित करके इसके पानी का उपयोग सिंचाई व पीने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, शिवालिक क्षेत्र में आदिबद्री, लोहगढ़ और हरिपुर में बांध बनाए जाएंगे ताकि सरस्वती नदी में पूरा वर्ष पानी का प्रवाह बना रहे। लाल ने कहा कि नदी की परिधि में जितना भी क्षेत्र है उसमें प्राकृतिक तौर पर पानी बना रहे। उन्होंने कहा कि दादूपुर-नलवी नहर से ऊंचा-चंदाना में पानी को डाला जाएगा और आगे इसे घग्घर में जोड़ा जाएगा। पंजाब की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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