अवार्ड वापसी के बाद भी नहीं बनी पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के पक्ष में सहानुभूति, फेसबुक पर घिरे
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया था। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया है लेकिन इसके बावजूद बादल लोगों की सहानुभूति नहीं जुटा पाए हैं।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:33 PM (IST)
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) की ओर से तीन कृषि कानूनों (Agricultural Law, Farm Law) के विरोध में उन्हें मिला पद्म विभूषण (Padam Vibhushan) लौटाने का फैसला भी उनके पक्ष में आम लोगों की सहानुभूति नहीं बना पा रहा है। पार्टी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूर्व सीएम की वह वीडियो अपलोड की है, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों को काला कानून बताया।
बादल ने कहा कि वह पहले किसानों के साथ हैं बाकी सब कुछ बाद में। उन्होंने कहा कि उनकी सेवा के बदले में भारत सरकार की ओर से उन्हें दिया गया पद्म विभूषण सम्मान वह लौटा रहे हैं। उनके इस वीडियो पर लोगों ने उनके साथ सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय काफी तीखे कमेंट लिखे हैं। उनके अलग-अलग अकाउंट पर आए सैकड़ों कमेंट आए हैं जिनमें 90 फीसदी से ज्यादा उनके विरोध में हैं।
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कई ने उन्हें यहां तक पूछा है कि बाबा जी आप कुछ दिन पहले इन आर्डिनेंस को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे थे, अब आप इन्हें काले कानून बता रहे हो। रामपाल बागड़ी नामक एक व्यक्ति ने कहा कि बादल साहिब पद्म विभूषण लौटाने की बजाए आप सरकार से जो पांच पांच पेंशनें ले रहे हो उसे लौटाते तो यह पंजाब के हित में होता।यह भी पढ़ें : Potato Prices: पंजाब में बिचौलियों का खेल: बाजार में 50 तक बिक रहा आलू, किसान की जेब में जा रहे 16 से 20 रुपये
आकाश कंग ने लिखा है कि अगर आप जवानी के समय से ही सच्चे दिल से काम करते तो पंजाब के किसान खुदकुशियां न करते, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी न होती। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी न होती। प्रमोद ने पूछा कि आपने कौन सी सेवा की है, हमेशा पंजाब की पीठ में छुरा घोंपा है। आपके कार्यकाल में गुरु ग्रंथ साहिब की हुई बेअदबी न भूलने योग्य है। सतपाल सिंह ने लिखा कि बादल साहिब यदि आप दिल से सेवा करते तो आपके पास हजारों करोड़ रुपए की जायदाद न बनती।
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ये कुछ ऐसे कमेंट हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लिखे गए हैं। हालांकि कई ऐसे भी हैँ जो प्रकाशित नहीं किए जा सकते। ठाकुर संधू ने लिखा कि आपने सिर्फ अपने परिवार का ही ख्याल रखा, बाकी मरते हैं तो मर जाएं। जगविंदर सिंह ने लिखा कि आप यह क्यों नहीं कहते कि मैं अकाली दल की खोई हुई सियासी जमीन तलाशने के लिए आखरी राजनीतिक दांव खेल रहा हूं। आपने नकली दवाओं को अपने कार्यकाल के दौरान बिकने दिया।हालांकि जिन लोगों ने बादल के पक्ष में भी लिखा है उनको भी जवाब में काफी तीखे कमेंट झेलने पड़े हैँ। कई ने तो यहां तक भी लिखा कि आखिर भारत सरकार ने इन्हें पद्म विभूषण अवार्ड दिया ही क्यों है।
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