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पंजाब में शिक्षा का हाल, टीचर अपना नाम तक सही नहीं लिख पाते

पंजाब में स्‍कूली शिक्षा का स्‍तर लगातार गिर रहा है। बच्‍चाें की बात कौन करे शिक्षक भी अपना नाम सही नहीं लिख पाते। यह खुलासा हुआ शिक्षामंत्री द्वारा ली गई शिक्षकों की क्‍लास में।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2016 05:07 PM (IST)
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मोहाली, [रोहित कुमार]। पंजाब में स्कूली शिक्षा का कैसा स्तर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सही से अपना नाम तक नहीं लिख पाते। यहां शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा की क्लास में राज्य भर से आए अध्यापक अपनी मातृभाषा पंजाबी में भी अपना नाम ठीक तरीके से नहीं लिख पाए। यह देखकर शिक्षा मंत्री भी ताजुब्ब में पड़ गए।

शिक्षा मंत्री ने मोहाली मेें खराब रिजल्ट स्कूलों के शिक्षकों की लगाई क्लास

यहां बुधवार को शिक्षा मंत्री डॉ. चीमा ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) में खराब परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों के अध्यापकों को बैठक के लिए बुलाया था। शिक्षा मंत्री रिजल्ट के बारे में शिक्षकों से जवाब तलब कर रहे थे कि अचानक उन्होेंने शिक्षकों का टेस्ट लेना शुरू कर दिया।

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हद ताे तब हो गई जब कई अध्यापक पंजाबी में भी गलतियां कर रहे है और नाम तक ठीक नहीं लिख पा रहे। इस पर डाॅ. चीमा गुस्से में आग गए। उन्होंने श्ािक्षकों से कहा कि आप पर बच्चों की शिक्षा का दायित्व है, लेकिन जब आप की ही यह हाल है तो बच्चों का क्या होगा। अगर ऐसा ही रहेगा तो बच्चे आप से क्या सीखेंगे ?

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बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों से खराब परिणाम आने पर जवाब भी मांगा। बैठक में 10वीं तक के स्कूलों के शिक्षकों को बुलाया गया था। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापकों की एसीआर अब परीक्षा परिणाम पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि जिन अध्यापकों का परीक्षा परिणाम अच्छा होगा उनकी एसीआर भी बेहतर होगी इस लिए अध्यापक जी जान से मेहनत करे।


शिक्षकों के बहाने, सर जी बच्चे शरारती हम क्या करें

कई अध्यापकों ने खराब परीक्षा परिणाम आने पर जबाब दिया कि सर जी क्लास में बच्चे शरारतें करते है। पढ़ते नहीं है हम क्या करें ? हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते है। इस पर शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों को कहा कि आप के लिए स्पेशल ट्रेनिंग करवाई जाएगी। आप शिक्षा को सुधारने के लिए अपने सुझाव दें लेकिन पहले आप केा बेहतर करें आैर बेहतर तरीके से काम करें।


तो कैसे आएगी क्वालिटी एजुकेशन

शिक्षा मंत्री ने कहा, हम क्वालिटी एजुकेशन की बात कर रहे है। ये तभी संभव है जब हम सब बेहतर तरीके से काम करें। पत्रकारों के साथ बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड की ओर से परीक्षाओं में प्रेक्टिकल के लिए मिलने वाले 30 नंबर को 10 कर दिया गया है। इन 10 नंबरों के लिए भी मानदंड तय कर दिए गए हैं। इस दौरान शिक्षा को सुधारने के लिए कई सुझाव दिए गए। जल्द ही 12वीं के शिक्षकों को बुलाया जाएगा। इस दौरान पीएसईबी व शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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