गेहूं खरीद के लिए कूपन की मारामारी, E-Pass के लिए Ola के साथ टाईअप
सरकार ने ओला कंपनी के साथ टाइअप किया है जो किसानों को उनकी ट्रालियों को मंडियों में लाने के लिए ऑनलाइन मैनेजमेंट के जरिए ई-पास मुहैया करवाएगी ।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 16 Apr 2020 11:54 AM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। यह एशिया का सबसे बड़ा ऑपरेशन है जो मात्र कुछ दिनों में ही सवा करोड़ टन से ज्यादा गेहूं की खरीद करके उसे गोदामों तक पहुंचाता है, लेकिन बुधवार को पहले ही दिन अपनी फसल को मंडी में लाने के लिए आढ़तियों के जरिए मिलने वाले कूपन न मिलने से किसानों में बेचैनी दिखी। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपनी फसल कब लेकर जाएं।
उधर, आढ़तियों को भी सरकार से यही शिकायत है कि कुछ ही आढ़तियां को 3-3, 4-4 कूपन मिले हैं । शेष सभी बाट जोह रहे हैं। इन सभी मुश्किलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने ओला कंपनी के साथ टाइअप किया है जो पंजाब के 17 लाख किसानों को उनकी ट्रालियों को मंडियों में लाने के लिए ऑनलाइन मैनेजमेंट के जरिए ई-पास मुहैया करवाएगी । यह एप पंजाब मंडी बोर्ड ने ई-पास सिस्टम को मुहैया करवाने के लिए अडॉप्ट कर ली है जिसमें गवर्नर रिफॉर्म्स विभाग ने सरकार की मदद की है. ऐसा कोरोना के संकट के चलते गेहूं खरीद को सुचारू ढंग से करने के लिए किया गया है।
ओला एप किसानों के मोबाइल पर इंस्टॉल की जाएगी, जिससे उन्हें मंडी गेट पर कितना रश है इस बारे में पता चलता रहेगा। किसानों को पास जारी करने उसके खत्म होने आदि के बारे में इस ऐप के जरिए शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार जानकारी मिलती रहेगी। यह यूनिक सिस्टम मार्केट कमेटियों के सचिवों को किसानों के लिए प्रत्येक सेंटर पर पास मुहैया करवाएगा। इसमें मंडी बोर्ड के पास मौजूद डाटा के आधार पर अपने आप पास जारी करने की सुविधा होगी।
सभी आढ़तियों को एक ट्रॉली के लिए केवल एक पास जारी किया जाएगा। किसानों को उनकी फसल को मंडी में लाने से 3 दिन पहले पास जारी कर दिया जाएगा, ताकि मंडी में ज्यादा रश न हो। यह ऑटोमैटिक टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन इसलिए जारी किया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति पास मिलने के लिए पक्षपात का आरोप न लगा सके और सिस्टम को पारदर्शी बनाया जा सके। आढ़ती अपने किसानों को यह पास उपलब्ध करवा देंगे और उन्हें 1 तारीख दी जाएगी, जिसमें उन्हें अपना गेहूं मंडी में लाना होगा। किसानों को एसएमएस के जरिए पास का नंबर मिलेगा जिसे वह एप के साथ डाउनलोड कर सकेंगे।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डेवलपमेंट विश्वजीत खन्ना ने बताया कि इस सिस्टम के अलावा एक और मोबाइल एप्लीकेशन एम- पास भी डेवलप किया गया है। उन्होंने बताया कि हर आढ़ती को पास जारी करने के समय यूनिकोड एसएमएस भेजा जाएगा। आढती सिस्टम के जरिए ट्रॉली ड्राइवर को पास जारी कर सकते हैं। एम पासवर्ड डाउनलोड करेगा और इसमें एसएमएस के जरिए भेजा गया नंबर डालेगा, ताकि नाकों पर पुलिसकर्मी उन्हें न रोक सके।
कूपन के कारण मारामारीउधर, गत दिवस गेहूं की खरीद को लेकर आढ़तियों में कूपन कम मिलने को लेकर जहां नाराजगी दिखाई दी, वहीं किसानों को भी इस बात की दिक्कत थी कि उन्हें यह नहीं बताया गया है कि उन्हें कब अपनी फसल को मंडी में लाना है। बस्सी पठानांं क्षेत्र के अवतार सिंह ने बताया कि वह अपनी फसल को खरड़, कलोड़ और चंडीगढ़ की मंडियों में लेकर जाते हैं, लेकिन अभी तक उनके किसी भी आढ़ती ने यह नहीं बताया कि उन्हें कब आना है।
उन्होंने बताया कि पहले उनसे जो लिस्ट मांगी गई थी उन्हें रद्द कर दिया गया अब फिर से लिस्ट बनाई जा रही हैं। हमें अभी तक यह नहीं पता चल रहा की किस मंडी में उनका नंबर कब आएगा खेतीबाड़ी विभाग के सेक्रेटरी कान सिंह पन्नू ने कहा कि आज पहला दिन होने के कारण कम कूपन दिए गए हैं, लेकिन 2 दिन में ही यह सिस्टम ठीक हो जाएगा।उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण शारीरिक दूरी बनाकर रखना हमारी पहली जिम्मेदारी है। साथ ही गेहूं की खरीद करना यह भी हमारी जिम्मेदारी है उन्होंने कहा कि सिस्टम को चलने में 1 या 2 दिन लग सकते हैं, लेकिन किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। उन्होंने माना कि कहीं-कहीं लेबर की दिक्कत आ रही है, लेकिन इसे सभी आढ़तियों ने दूर कर लिया है।
पहले तीन दिन के जारी होने वाले कूपन की गिनती15 अप्रैल 629016 अप्रैल 1799517 अप्रैल 41375
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