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अब जय किसान जय जवान

By Edited By: Updated: Sat, 19 May 2012 01:42 AM (IST)
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अंशकालिक प्रतिनिधि, फाजिल्का

पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लाल बहादुर शास्त्री की ओर से दिया स्लोगन जय जवान जय किसान अब यहां जय किसान जय जवान के रूप में चरितार्थ हो रहा है। तमाम खतरों को झेल सीमा से सटे खेतों में मेहनत कर लोगों का पेट भरने वाले किसान अब देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का साथ देने के लिए आगे आ रहे हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में घुसपैठ, जाली करंसी, नशे और हथियारों की तस्करी की वारदातें आम बात हैं। ज्यादातर वारदातें सीमा के साथ खेतों में लगी फसलों के कारण होती हैं। घुसपैठिये या तस्कर ऊंचे कद वाली फसल का फायदा उठाते हुए गैर कानूनी सामान उधर से इधर करते हैं। इस समस्या का हल करने के लिए किसान भी बीएसएफ का साथ देंगे।

बार्डर एरिया संघर्ष कमेटी पंजाब के साथ कुछ अन्य संगठनों के सदस्यों का एक शिष्टमंडल बीएसएफ के कमांडेंट राम सेवक को शुक्रवार को यहां मिला। इस अवसर पर उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत आती जमीन पर पानी की कमी की समस्या बताते हुए धान की बुआई के बजाय कम ऊंचाई वाले नरमे की फसल बीजने की मंजूरी दिए जाने की माग की। किसानों ने कहा कि देश की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है। इससे घुसपैठ रोकने के लिए पूरी मदद मिलेगी।

इस मौके पर कमेटी के जिला सचिव रमेश वढेरा, राजिंदर चावला, कुलवंत सिंह, हरीराम तथा तेजा सिंह के अलावा जमहूरी किसान सभा के जिला सचिव कुलवंत सिंह, अवतार सिंह, मजदूर सभा के सचिव राम कुमार वर्मा तथा गुरमेज गेजी आदि उपस्थित थे।

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