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बेटी के कंधे पर निकली शहीद फतेह सिंह की अंतिम यात्रा

आतंकी हमले में शहीद कैप्टन फतेह सिंह का सोमवार को उनके गांव झंडा गुज्जरां में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बेटी ने शहीद फतेह सिंह की अंतिम यात्रामें अर्थी को कंध दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 05 Jan 2016 10:12 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। पठानकोट में एयरफोर्स पर हुए आतंकी हमले में शहीद कैप्टन फतेह सिंह का सोमवार दोपहर उनके गांव झंडा गुज्जरां में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटी के कंधों पर शहीद फतेह सिंह की अंतिम यात्रा निकलते वक्त वहां मौजूद हरेक व्यक्ति की आंखों से आंसू झलक पड़े। शहीद को उनके सेना में जवान बेटे गुरदीप राणा ने चिता को मुखाग्नि दी।

गांव झंडा गुज्जरां निवासी कैप्टन फतेह सिंह 1985 में सेना की 15 डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। करीब 28 साल नौकरी करने के बाद जब सेवानिवृत होने के बाद वह डीएससी में चले गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज फतेह सिंह ने सेना में रहते हुए 40 गोल्ड, 14 सिल्वर व 10 कांस्य पदक जीते।

1995 में उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। शहीद फतेह सिंह ने कॉमनवेल्थ खेलों में भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। 1995 में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने सम्मानित किया गया। वह हमले के वक्त पठानकोट में तैनात थे।

शहीद पिता को सैल्यूट करती बेटी।

सोमवार को तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिक शरीर जैसे ही उनके घर पहुंचा तो गांव में मातम छा गया। उनकी पत्नी व बच्चों का रोकर बुरा हाल था। जब शहीद फतेह सिंह की अंतिम यात्रा निकली तो बेटी मधु राधा काटल ने अर्थी को कंधा दिया। बड़े बेटे गुरदीप राणा ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके पार्थिव शरीर को सेना की टुकड़ी पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्मशानघाट तक ले गई।

तिबड़ी कैंट के बिग्रेडियर वीके तिवाड़ी, कर्नल अखिलेश तूमर, मेजर गौरव तितिया, सूबेदार दिलबाग सिंह, सूबेदार काबुल सिंह, शहीद सैनिक सुरक्षा परिषद के सचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, प्रताप सिंह बाजवा, फतेह सिंह बाजवा ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

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