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जालंधर में टूटा शिअद-भाजपा गठबंधन, भाजपा के 16 पार्षदों ने दिया इस्तीफा

जालंधर में शिअद-भाजपा गठबंधन टूट गया है। भाजपा के 16 पार्षदों ने शिअद द्वारा सीनियर डिप्टी मेयर पर कार्रवाई न करने के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2016 01:48 PM (IST)
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वेब डेस्क, जालंधर। जालंधर नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठबंधन के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। यहां गठबंधन टूट गया है। सीनियर डिप्टी मेयर के खिलाफ गुस्साए भाजपा के 16 पार्षदों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

बता दें, शुक्रवार को निगम की वित्त एवं लेखा समिति (एफएंडसीसी) की बैठक में मेयर सुनील ज्योति पर सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद दोनों में नौबत गाली गलौज तक की पहुंच गई थी। मामला हाईकमान तक पहुंचा। भाजपा पार्षद शिअद से भाटिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन शिअद ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे गुस्साए भाजपा पार्षदों ने आज इस्तीफा दे दिया।

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बता दें, भाटिया ने कहा था कि मेयर ने उन पर दो लाख रुपये लेकर अवैध इमारतें बनवाने का आरोप लगाए, लेकिन सभी जानते हैं कि मेयर खुद अवैध इमारतों में करोड़ों की डीलिंग कर रहे हैं। यही वजह है कि मल्टीस्टोरी इमारतें बन रही हैं और कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि मेयर सुनील ज्योति के कार्यकाल में शहर का सबसे ज्यादा बुरा हाल हुआ है और शिअद-भाजपा के रिश्ते में खटास लाने की मेयर ने पूरी कोशिश की है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

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जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है और मेयर चाहते हैं कि हम लोग चुप रहें। भाटिया ने कहा कि वह स्वीपिंग प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह गलत है कि एक काम अमृतसर में 60 लाख रुपये सालाना व जालंधर में 5.82 करोड़ रुपये सालाना की दर से हो रहा है। उन्होंने सिर्फ प्रोजेक्ट को रिव्यू करने के लिए कहा था।

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