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बजट से उद्योग जगत में निराशा

कपूरथला-11 से 22 बेहद आशा भरी नजरों से केंद्रीय बजट का इंतजार कर रहे उद्योग जगत को निराशा हाथ लगी

By Edited By: Updated: Sat, 28 Feb 2015 10:02 PM (IST)
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कपूरथला-11 से 22

बेहद आशा भरी नजरों से केंद्रीय बजट का इंतजार कर रहे उद्योग जगत को निराशा हाथ लगी है। कारपोरेट व हायर इंडस्ट्री को तमाम छूट देते हुए आम उद्योग का गला घोंटने वाले बजट को लेकर युवा उद्योगपतियों का कहना है कि लोगों को मोदी सरकार के पहले बजट से बहुत उम्मीदें थी। बजट पेश होते सभी लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे आम लोगों से हुई बातचीत के आधार पर पेश है कपूरथला के संवाददाता हरनैक सिंह जैनपुरी की रिपोर्ट

बजट को लेकर न¨रदर ¨सह कैप्सन का कहना है कि अरुण जेटली को वित्त मंत्री की बजाए कर मंत्री होना चाहिए।

कैप्सन बैलट बनाने वाले न¨रदर ¨सह का कहना है कि जिन नीतियों पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम चल रहे थे, मौजूदा वित्त मंत्री उनसे भी आगे निकल गए है। इन्होंने अपनी पूरी कृपा दृष्टि कारपोरेट जगत और हायर इंडस्ट्री पर ही रखी है। छोटे और माध्यम उद्योग और आम लोगों के लिए इस बजट में सिवाए निराशा के कुछ नही निकला।

सहाए इंडस्ट्री के मालिक हरप्रीत ¨सह सहाए का कहना है कि यह बजट बेहद निराशा जनक रहा है। इनकम टैक्स में कोई छूट ना दिए जाने से लोगों को निराशा हाथ लगी है।

आर्किटेक्ट पर¨वदर ¨सह का कहना है कि इस बजट का असर दो चार सालों में पता चलेगा जिसके दूरगामी परिणाम मिलने की आशा है।

आर्किटेक्ट अजय दीप का कहना है कि सरकार ने इनकम टैक्स में कोई छूट नही दी और सर्विस टैक्स बढ़ा दिया है। इससे मंहगाई ओर ज्यादा बढ़ेगी। कारपोरेट जगत के अच्छे दिन आएंगे और आम आदमी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं।

किसान र¨जदर ¨सह का कहना है कि कर्जे के बोझ तले दबे व आत्महत्या कर रहे किसानों को कोई छूट देने की बजाए उनकी जमीन बड़े घरानों को मुफ्त में देने की व्यवस्था की जा रही है।

युवा मनप्रीत कौर का कहना है कि मोदी सरकार ने यूथ को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन इस बजट से लगता नही कि बेरोजगारो को नौकरी मिलेगी।

व्यापारी पप्पू सगड़ का कहना कि सर्विस टैक्स 12 से 14 फीसदी कर दिया जिससे सभी चीजें मंहगी हो गई है। गरीब आदमी के लिए कोई राहत नही। से¨वग को कोई बढ़ावा नही दिया। घर बनाना मंहगा कर दिया।

बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान अशोक कुमार सभ्रवाल का कहना है कि उम्मीदों के लिहाज से बजट अच्छा नहीं रहा। बजट में कुछ चीजें अच्छी भी समझी जा रही है।

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान हरचरन ¨सह का कहना है कि यह बजट बहुत अच्छा है जिससे भविष्य के भारत की झलक दिखाई दे रही है।

शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी डौली ¨सह का कहना है कि यह एक संतुलित बजट है जिसमें लगभग सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।

कारोबारी नवीन कुमार का कहना है कि इनकम टैक्स में छूट की हर कोई उम्मीद कर रहा था लेकिन वित्त मंत्री ने ऐसा ना करके लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

कारोबारी अंकुर तिवाड़ी व सुनार अशोक कुमार भी इनकम टैक्स बढ़ाने से निराश हुए है।

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