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कपूरथला में चलते-फिरते डायनासोर, साइंस सिटी में बन रहा खास पार्क

अब पंजाब में भी डायनासोर दिखेंगे आैर चलते-फिरते डायनासोर को आप कपूरथला की साइंस सिटी में देख सकते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 10 Jul 2016 06:27 PM (IST)
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कपूरथला, [हरनेक सिंह जैनपुरी]। करोड़ों साल पहले धरती पर राज करने वाले डायनासोर को देखना है तो कपूरथला आएं। यहां न सिर्फ चलते-फिरते डायनासोर देख पाएंगे बल्कि उनके बारे में विस्तार से जान और समझने भी पाएंगे। ऐसा संभव होगा यहां की साइंस सिटी में। इस साइंस सिटी में राेबोटिक डायनासोर पार्क बनाया जा रहा है।

कपूरथला की साइंस सिटी में बनेगा रोबोटिक डायनासोर पार्क

पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से रोबोटिक डायनासोर पार्क बनने जा रहा है। इसमें करीब चार सौ करोड़ साल पुराने डायनासोर का इतिहास दिखाया जाएगा। डिजिटल तकनीक के जरिए डायनासोर पार्क में घूमते-फिरते नजर आएंगे, जो असलियत का एहसास करवाएंगे।
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ये डायानासोर न सिर्फ चलेंगे, बल्कि उड़ते भी नजर आएंगे। अपना मुंह खोलेंगे, आंखें झपकेंगे और दहाड़ेंगे भी। साइंस सिटी कपूरथला देश का पहला ऐसा संस्थान होगा, जिसमें रोबोटिक डायनासोर पार्क बनने जा रहा है। इससे लोगों की डायनासोर के बारे में सारी उत्सुकताओं पूरी होंगी।

तीन पड़ाव कवर होंगे

इस पार्क के निर्माण के लिए दिल्ली की इनोवेटिव व्यू कंपनी ने प्रपोजल भेजा है। इस पर करीब डेढ़ करोड़ की लागत आएगी। चलते-फिरते डायनासोर की देश में यह पहली गैलरी होगी। इसमें जुरासिक, ट्रेशीयस और क्रोटेशीयस तीन पड़ावों को कवर किया जाएगा।

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साइंस सिटी के डायरेक्टर जनरल आइएएस जसकरण सिंह ने बताया कि इनोवेटिव व्यू कंपनी से बात चल रही है। कुछ और कंपनियों से भी बात कर रहे हैं। देश में अभी तक चलने-फिरने वाला डायनासोर पार्क कहीं नहीं है। साइंस सेंटर साउथ में मात्र एक डायनासोर का स्कल्पचर है, जो थोड़ा चलता है, लेकिन ऐसा पार्क कहीं नहीं है।

छह माह में पूरा होगा निर्माण

साइंस सिटी के डायरेक्टर डॉ. राजेश ग्रोवर ने बताया कि रोबोटिक डायनासोर पार्क पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से बनाया जाएगा। मूविंग डिजिटल तकनीक के जरिए पर्यटकों को पूर्ण तौर पर वाइल्ड लाइफ इफेक्ट का एहसास होगा। ऑपरेटर लोगों को आधुनिक तकनीक से वास्तविकता का एहसास करवाएंगे। वह कभी किसी पर्यटक बच्चे के हाथ में अपना अंडा थमा जाएंगे, तो कभी उनके पीछे भागने की कोशिश करेंगे। इस संबंध में टेंडर कॉल किए जा रहे हैं और छह माह में पार्क का निर्माण पूरा किया जाएगा।

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