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सर्विस टैक्स बढ़ाएगी महंगाई

मुनीश शर्मा, लुधियाना कारपोरेट सेक्टर को लुभाने के लिए भले ही केंद्र सरकार की ओर से कारपोरेट टैक्

By Edited By: Updated: Sun, 01 Mar 2015 04:06 AM (IST)

मुनीश शर्मा, लुधियाना

कारपोरेट सेक्टर को लुभाने के लिए भले ही केंद्र सरकार की ओर से कारपोरेट टैक्स को आगामी चार साल में पांच फीसद कम करने का दांव फेंका हो। मगर, चार साल का समय लिए जाने और एक्साइज व सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी ने कारपोरेट सेक्टर की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। पंजाब कारपोरेट ने इस बजट को अपेक्षाओं के विपरीत बताया है। पंजाब कारोपेरट सेक्टर को इस बार पंजाब की पोर्ट से दूरी और प्रदेश व केंद्र सरकार एक होने से अच्छे लाभ मिलने की उम्मीद थी। इस बार बजट में कारपोरेट टैक्स को चार साल में पांच फीसद कम किए जाने की बात कही गई है। मगर, दूसरी ओर सुपर रिच टैक्स को एक से बढ़ाकर दो फीसद कर दिया गया है। ऐसे में एक हाथ देकर दूसरे हाथ लेने का काम किया गया है। वहीं एक्साइज व सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी से उत्पादों के दाम बढ़ने के संकेत दिए हैं।

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बजट का मिला जुला इफेक्ट

'इस बार आम बजट में मिला-जुला इफेक्ट देखने को मिला है। जहां कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया, वहीं एक्साइज व सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी कर महंगाई को जन्म दिया गया है। इस बार बजट से ग्रोथ और अपग्रेडेशन के लिए ढेरों उम्मीदें थीं, परंतु बजट में करिश्माई काम नहीं हो पाया।'

-जवाहर लाल ओसवाल, सीएमडी, नाहर ग्रुप ऑफ कंपनीज।

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भविष्य को सुनहरी करने वाला बजट

'इस बार के बजट में भले ही तत्काल रिलीफ कम ही मिल पाया है। मगर, यह भविष्य को ग्रोथ की ओर ले जाने वाला है। इस बार उम्मीद के मुताबिक कुछ ज्यादा नहीं मिल पाया, लेकिन सरकार का विजन ग्रोथ वाला है। जीएसटी को अगर समय अवधि तक लागू कर दिया गया, तो देश ग्रोथ की ओर अग्रसर होगा।'

-ओम प्रकाश मुंजाल, सीएमडी, हीरो साइकिल लिमिटेड।

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बजट देश की ग्रोथ वाला

'इस बार के बजट में किसी भी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाया गया है। जीएसटी को लाने के लिए एक्साइज व सर्विस टैक्स में थोड़ी सी बढ़ोतरी की गई है, जबकि काले धन को रोकने के लिए अच्छे कदम उठाए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बेहतर विजन से देश की ग्रोथ होगी।'

-ओंकार सिंह पाहवा, सीएमडी एवन साइकिल लिमिटेड।

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महंगाई को जन्म देने वाला बजट

'इस बार के बजट से महंगाई कम होने की उम्मीद थी। कारपोरेट सेक्टर के लिए टैक्स कम करने का फैसला दिया गया है, लेकिन इसे चार साल में पूरा किया जाएगा, जबकि टैक्स प्रणाली में आम आदमी को भी कोई रियायत नहीं दी गई। कारपोरेट सेक्टर की उम्मीदों के मुताबिक नए प्रोजेक्ट लगाने के लिए कोई राहत नहीं दी गई।'

-वीके गोयल, सीईओ व कार्यकारी निदेशक, सेल इंडिया ग्रुप।

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रेल के साथ आम बजट भी फीका

'रेल बजट के बाद आम बजट से ढेरों उम्मीदें थी कि इंडस्ट्री और देश की ग्रोथ वाला बजट आएगा। मगर, बजट में कोई विजन न होने से निराशा हाथ लगी है। महंगाई कम करने के बजाये सर्विस टैक्स और एक्साइज से उल्टा महंगाई बढ़ाने की दिशा खोली गई है।'

-हरमोहिंदर पाहवा, सीएमडी, नोवा साइकिल।

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एक हाथ दिया दूसरे हाथ लिया

'इस बार बजट में कारपोरेट सेक्टर को एक तरफ तो कारपोरेट टैक्स से राहत देने की घोषणा की गई। वहीं दूसरी ओर सुपर रिच टैक्स को एक से दो फीसद कर दिया गया। इसके साथ ही एक्साइज और सर्विस टैक्स ने महंगाई को जन्म दिया है। इस बार के बजट में प्रदेश व केंद्र सरकार एक होने से पंजाब के लिए ढेरों उम्मीदें थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया।'

-कोमल जैन, सीएमडी, ड्यूक फैशन इंडिया लिमिटेड।

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