पटियाला के लवप्रीत कौर सुसाइड केस में डेढ़ साल बाद केस दर्ज, पति ने फर्जी हस्ताक्षर कर लिया था शव
पटियाला की लवप्रीत कौर सुसाइड केस में पुलिस ने डेढ साल बाद केस दर्ज कर लिया है। आरोप है कि पति ने उसे सुसाइड के लिए उकसाया था। साथ ही पति ने फर्जी हस्ताक्षर कर अस्पताल से उसका शव ले लिया था।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 01:46 PM (IST)
जेएनएन, पटियाला। थाना अर्बन एस्टेट के अंतगर्त आते तफ्फजलपुरा निवासी लवप्रीत कौर की मौत के मामले में डेढ़ साल बाद आरोपित पति व ससुर के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। घटना मई 2019 की है, जिसके बाद मृतका लवप्रीत कौर के पिता हरभजन सिंह निवासी गांव कौल नाभा कई दिनों तक थाने के चक्कर काटते रहे।
घटना के दिन मौके पर लवप्रीत के मायके वालों के सामने घर पर करीब चार घंटे तक लाश पड़ी रही, लेकिन पुलिस मुलाजिमों ने लाश का पोस्टमार्टम नहीं करवाया। परिवार पर दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवा दिया, जबकि लड़की के पिता पोस्टमार्टम करवाने और लवप्रीत के ससुरालियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते रहे। संस्कार हो जाने के बाद भी सुनवाई न होने पर हरभजन सिंह ने आइजी पटियाला जतिंदर सिंह औलख को शिकायत दी थी। करीब डेढ़ साल की लंबी पड़ताल के बाद हरभजन के बयानों पर अरूपिंदर सिंह व उसके पिता कुलवंत सिंह निवासी तफ्फजलपुरा के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। यह मामला थाना अर्बन एस्टेट में दर्ज हुआ, लेकिन अभी किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
यह है पूरा मामला
हरभजन सिंह ने बताया कि उनकी बेटी लवप्रीत कौर की शादी पंजाबी यूनिवर्सिटी में टीचर नियुक्त अरूपिंदर सिंह के साथ साल 2010 में हुई थी। परिवार में एक करीब छह साल का बेटा भी है। शराब के नशे में अक्सर अरूपिंदर उनकी बेटी लवप्रीत पर झूठे आरोप लगाकर मारपीट करता था, इस वजह से तीन बार पारिवारिक स्तर पर समझौता भी हुआ था।
9 मई 2019 को अरूपिंदर सिंह ने अपने ससुर हरभजन सिंह को फोन करके कहा कि लवप्रीत कौर ने खुदकुशी कर ली है, जिस वजह से वह अस्पताल जा रहे हैं। नाभा से पटियाला पहुंचे हरभजन सिंह को कभी राजिंदरा अस्पताल तो कभी प्राईवेट अस्पताल में होने की बात कहते रहे। अस्पतालों में भटकने के बाद भी कोई नहीं मिला तो वह सीधे बेटी के ससुराल पहुंचे, जहां बैड पर लवप्रीत कौर की लाश पड़ी थी।
अस्पताल से झूठे हस्ताक्षर कर ली लाश
हरभजन सिंह ने बताया कि अस्पताल में लड़की के माता-पिता मौजूद होने के झूठे हस्ताक्षर भी अरूपिंदर सिंह ने किए थे और यह लोग चुपचाप संस्कार करने की तैयारी में था। घर पहुंचने के बाद ढाई बजे पुलिस को फोन किया तो वह दो घंटे बाद पहुंचे। यहां घर पर पहुंच लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के बजाय पुलिस टालमटोल करने लगे। शाम करीब छह बजे तो पुलिस ने दबाव बनाकर आनन-फानन अंतिम संस्कार करवाया।
मौके के मुलाजिमों की भूमिका की करेंगे जांच : डीएसपीडीएसपी सिटी टू सौरव जिंदल ने कहा कि इस मामले में पड़ताल के बाद मुकद्दमा दर्ज हुआ है। मौके पर तैनात पुलिस मुलाजिम की लापरवाही की भी पड़ताल कर रहे हैं, उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।
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