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श्रमिकों को थोड़ी राहत, मैसेज के बिना भी ट्रेन की सवारी, आधार कार्ड देखकर स्क्रीनिंग

प्रवासी कामगारों को थोड़ी राहत मिली है। बिना मैसेज के भी उन्हें ट्रेन में सवार होने दिया जा रहा है। फिलहाल यह व्यवस्था लुधियाना में लागू कर दी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 24 May 2020 09:54 PM (IST)
श्रमिकों को थोड़ी राहत, मैसेज के बिना भी ट्रेन की सवारी, आधार कार्ड देखकर स्क्रीनिंग
लुधियाना [डीएल डॉन]। पंजाब से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों को जाने वाले श्रमिकों की मुश्किलें कम हो रही हैैं। रजिस्ट्रेशन करवाने वालों को पहले जिला प्रशासन द्वारा भेजे मैसेज के मिलने के बाद ही ट्रेन से जाने की मंजूरी मिलती थी, लेकिन अब बिना मैसेज के भी ट्रेन में सवार होने दिया जा रहा है। फिलहाल यह व्यवस्था लुधियाना में लागू कर दी गई है। सबसे ज्यादा श्रमिक भी यहीं से जाने वाले हैैं।

करीब साढ़े दस लाख श्रमिकों ने पंजाब से घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें सबसे ज्यादा सवा छह लाख लुधियाना से हैैं। पंजाब से अब तक साढ़े तीन लाख के करीब अपने घरों को जा चुके हैैं जिनमें दो लाख सिर्फ लुधियाना के हैैं। हालांकि उद्योगों में काम शुरू होने और बाजार इत्यादि खुलने के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने वाले बहुत से श्रमिकों ने घर न जाने का फैसला कर लिया है, लेकिन अब भी बहुत सारे श्रमिक अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैैं। अब सिर्फ आधार कार्ड दिखाने पर भी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की जा रही है और जिला प्रशासन के अधिकारी ट्रेन की टिकट दे रहे हैैं। इससे श्रमिकों ने राहत की सांस ली है।

कई ने घर जाने का इरादा छोड़ा

औद्योगिक नगरी लुधियाना में कारखाने खुल जाने के बाद काफी संख्या में श्रमिक फिलहाल गांव न जाने का फैसला कर चुके हैं। सीतामढ़ी (बिहार) के रहने वाले विनोद साह, तापेश्वर साह, विजय कुमार, सुभाषचंद्र व संतोष कुमार का कहना है कि वे लोग घर जाने को तैयार थे। सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। ऐन वक्त पर फैक्ट्री मालिक ने रोक दिया और काम देने का वादा किया। साथ ही उन्हें एडवांस भी दिया गया है। जिससे उन्होंने गांव जाने का इरादा छोड़ दिया और अब यहां काम करने में जुट गए हैं। कपड़े की फैक्ट्री में ऑर्डर ज्यादा होने से उन्हें काम भी भरपूर मिल रहा है।

श्रमिकों को भेजना जरूरी : शर्मा

फिरोजपुर रेल मंडल के ट्रैफिक इंस्पेक्टर आरके शर्मा से जब मैसेज की जगह आधार कार्ड पर ही सफर करने के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि मैसेज उतना जरूरी नहीं है जितना श्रमिकों को घर भेजना। आधार कार्ड होने के बाद भी रेल सफर हो रहा है। 

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