कृष्ण भक्त विदेशी बाला बनी भारतीय युवक की प्रेम दीवानी, फिर जन्माष्टमी पर उठाया ऐसा कदम
विदेशी बालाओं का पंजाब के मुडों पर खूब दिल आ रहा है। अमेरिका की युवती के अमृतसर के युवक से शादी करने के बाद अब क्रोएशिया की अलेक्सेंड्रा ने शाहपुर कंडी के युवक से शादी की है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 07:42 AM (IST)
शाहपुरकंडी (पठानकोट), ओपी वर्मा। सच कहते हैं कि प्रेम के आगे सरहदें भी टूट जाती हैं। आजकल विदेशी बालाओं का पंजाबी मुंडों पर खूब दिल आ रहा है। अमृतसर के स्कूटर मैकेनिक युवक पवन से अमेरिकी युवती एमिली वॉलिन के शादी करने के बाद क्रोएशिया की हसीना एक पंजाबी युवक की हो गई है। क्रोएशिया की अलेक्सेंड्रा ड्यूकिक ने यहां के युवक कर्मजीत से शादी रचाई है। अलेक्सेंड्रा भगवान श्रीकृष्ण की भक्त हैं। इसलिए उसने शादी भी जन्माष्टमी के दिन की।
उनकी दोस्ती फेसबुक पर हुई। करीब एक साल तक चैटिंग हुई और अलेक्सेंड्रा व कर्मजीत की यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई उनको पता नहीं चला। इसके बाद अलेक्सेंड्रा सात समुंदर पार कर शाहपुर कंडी गांव पहुंच गईं। प्यार परवान चढ़ा तो घरवाले भी शादी के लिए राजी हो गए। दोनों ने एक-दूसरे को भाषा और संस्कृति की दूरियां मिटाकर अपना लिया है। 25 अगस्त को उनका आनंद कारज (विवाह) परिवार की मौजूदगी में संपन्न हो गया।
इस मौके पर मौजूद रिश्तेदारों व करीबियों ने उन्हें सुखी दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। कर्मजीत के पिता सुरजीत सिंह आरएसडी में कार्यरत हैं और जुगियाल की टाइप -3 कॉलोनी में रहते हैं। उनकी एक और बेटी है जिसकी शादी पहले ही हो चुकी है।
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क्रोएशिया में प्राइवेट जॉब करती है अलेक्सेंड्रा
अलेक्सेंड्रा डयूकिक क्रोएशिया में प्राइवेट जॉब करती हैं। कर्मजीत भी पठानकोट में एक प्राइवेट फर्म में काम करता है। अलेक्सेंड्रा को भारतीय संस्कृति में दिलचस्पी रही है। वह बताती हैं कि क्रोएशिया में उनके पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग श्रीकृष्ण की पूजा करते थे। वे कई बार दर्शन के लिए भारत भी आते थे। उसने उनसे सुना था कि भारत के लोग बहुत अच्छे होते हैं। जब कर्मजीत के साथ फेसबुक पर उसकी दोस्ती हुई तो दोनों एक-दूसरे से चैट करने लगे।
कर्मजीत बताते हैं कि उन्हें थोड़ी-बहुत इंग्लिश आती थी। ऐसे में चैट के दौरान अलेक्सेंड्रा से बात करने लगा। वह चैट के दौरान कई बार भगवान श्रीकृष्ण के बारे में पूछती थी और उनके मंदिर जाने की बात कहती थी। अलेक्सेंड्रा को जब बताया कि वह उसे पसंद करता है तो वह दो महीने की छुट्टी लेकर भारत आ गई। एक महीने बाद अलेक्सेंड्रा क्रोएशिया वापस जाएगी। कर्मजीत को भी वह अपने साथ ले जाएगी। कर्मजीत के पिता रंजीत सागर बांध में कार्यरत हैं।
सतश्री अकाल बोलती है विदेशी दुल्हन
अलेक्सेंड्रा को हिंदी या पंजाबी नहीं आती है। हां, वह सतश्री अकाल ठीक- ठाक बोल लेती हैं। वह श्रीकृष्ण की भक्त हैं। इसी कारण आनंद कारज से पहले कर्मजीत के साथ वृंदावन में एक सप्ताह बिताकर आई हैं। अलेक्सेंड्रा क्रोएशिया में प्राइवेट जॉब करती हैं, जबकि कर्मजीत पठानकोट की एक फर्म में कार्यरत है। फिलहाल, वह अपने विवाह के लिए दो माह के वीजा पर भारत आई है और इसके बाद क्रोएशिया लौट जाएंगी। बाद में कर्मजीत भी क्रोएशिया पहुंच जाएगा।
वृंदावन में बिताया एक हफ्ता
अलेक्सेंड्रा को भारतीय संस्कृति में जिज्ञासा है। वह भगवान श्री कृष्ण की महिमा को समझने के लिए शादी से पहले एक हफ्ते तक वृंदावन में रही। उसी कारण शादी के लिए जन्माष्टमी का दिन चुना। अलेक्सेंड्रा का परिवार क्रोएशिया में ही रहता है। उसके पिता नहीं हैं।
कर्मजीत के माता-पिता विदेशी बहू पाकर गदगद कर्मजीत के पिता सरदार सुरजीत सिंह ने कहा कि विदेशी बहू पाकर परिवार बेहद खुश है। दोनों बच्चों में आपसी प्यार और विश्वास है, इसलिए उन्हें वैवाहिक बंधन की इजाजत दे दी गई। अलेक्सेंड्रा की सास चरणजीत कौर ने बताया कि उनकी बहू खाना बनाने में पारंगत है। उसे कम मिर्च वाला सादा भोजन अधिक पसंद है। बहू उनके परिवार के साथ घुलमिल गई है। रब ने उनकी झोली खुशियों से भर दी है।पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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अलेक्सेंड्रा को हिंदी या पंजाबी नहीं आती है। हां, वह सतश्री अकाल ठीक- ठाक बोल लेती हैं। वह श्रीकृष्ण की भक्त हैं। इसी कारण आनंद कारज से पहले कर्मजीत के साथ वृंदावन में एक सप्ताह बिताकर आई हैं। अलेक्सेंड्रा क्रोएशिया में प्राइवेट जॉब करती हैं, जबकि कर्मजीत पठानकोट की एक फर्म में कार्यरत है। फिलहाल, वह अपने विवाह के लिए दो माह के वीजा पर भारत आई है और इसके बाद क्रोएशिया लौट जाएंगी। बाद में कर्मजीत भी क्रोएशिया पहुंच जाएगा।
वृंदावन में बिताया एक हफ्ता
अलेक्सेंड्रा को भारतीय संस्कृति में जिज्ञासा है। वह भगवान श्री कृष्ण की महिमा को समझने के लिए शादी से पहले एक हफ्ते तक वृंदावन में रही। उसी कारण शादी के लिए जन्माष्टमी का दिन चुना। अलेक्सेंड्रा का परिवार क्रोएशिया में ही रहता है। उसके पिता नहीं हैं।
कर्मजीत के माता-पिता विदेशी बहू पाकर गदगद कर्मजीत के पिता सरदार सुरजीत सिंह ने कहा कि विदेशी बहू पाकर परिवार बेहद खुश है। दोनों बच्चों में आपसी प्यार और विश्वास है, इसलिए उन्हें वैवाहिक बंधन की इजाजत दे दी गई। अलेक्सेंड्रा की सास चरणजीत कौर ने बताया कि उनकी बहू खाना बनाने में पारंगत है। उसे कम मिर्च वाला सादा भोजन अधिक पसंद है। बहू उनके परिवार के साथ घुलमिल गई है। रब ने उनकी झोली खुशियों से भर दी है।पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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