सांसद गांधी अफीम, भुक्की को कानूनी रूप देने के लिए लाएंगे बिल
सांसद धर्मवीर गांधी अफीम व भुक्की को वैधानिक मान्यता देने के लिए संसद में संशोधन बिल लेकर आएंगे। इसका उद्देश्य माफियाओं को गठजोड़ को खत्म करना है।
जेएनएन, पटियाला। सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी अफीम, भुक्की व भांग जैसे नशे को वैधानिक मान्यता के लिए अगले सप्ताह शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे। उन्होंने कहा है कि एनडीपीएस एक्ट (1985) में संशोधन के लिए बिल पेश करने की उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है।
डॉ. गांधी ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट में संशोधन का मुख्य उद्देश्य है कि नशे के आदी को एक मरीज समझा जाए न कि अपराधी। इस संशोधित बिल में हेरोइन, स्मैक जैसे घातक नशे की स्मगलिंग पर पूर्ण तौर से पाबंदी लगाने की मांग है। बिल का खाका दिल्ली के कुछ वकीलों व माहिरों ने तैयार किया है। बिल को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न राजनीतिज्ञों, वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, समाजशास्त्रियों, धार्मिक नेताओं, नशा करने वाले लोगों के अलावा नामवर पत्रकारों के साथ चर्चा भी की जाएगी।
सांसद गांधी ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट विश्वभर में फेल साबित हुआ है। साथ ही इससे नशे के व्यापार में वृद्धि हुई है। इस एक्ट के चलते ही ड्रग माफिया पैदा हुए और शक्तिशाली हुए। इस संशोधन बिल का उद्देश्य राजनेताओं, पुलिस व नशा तस्करों का गठजोड़ खत्म करना है। विश्व के कई देशों ने यह स्वीकार किया है कि सेहत के लिए कम नुकसानदायक कुछ नशों को जुर्म के घेरे से निकालने का लाभ मिला है। इससे घातक मेडिकल और सिंथेटिक नशों की मांग में कमी आई है और जुर्म भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में 15 से 40 साल के ज्यादातर लोग नशे के आदी हो चुके हैं।