...लेकिन नहीं बच पाई पुष्पा की जान, आपरेशन से पहले ही दम तोड़ा
आंतों की गंभीर बीमारी से पीडि़त पुष्पा मौत से अपनी जंग हार गई। उसका रक्त दुर्लभ बाम्बे ब्लड ग्रुप का था अौर उसे जब उसे यह रक्त उपलब्ध हुआ बहुत देरी हो चकी थी। उसने आपरेशन से पहले ही पीजीआइ में दम तोड़ दिया।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2016 01:49 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रूपनगर (राेपड़ )। दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप की पुष्पा जिंदगी से हार गई। पुष्पा की जिंदगी को दोबारा रोशन करने के लिए एक नहीं दर्जनों हाथ बढ़े थे। चंडीगढ़, रांची, यमुनानगर ही नहीं बल्कि पानीपत, पंजाब के बइिंडा, होशियारपुर और बेंगलुरू से भी रक्तदान लहर से जुड़े लोगों ने बॉम्बे ब्लड ग्रुप मुहैया करवाने का भरोसा दिया, लेकिन पुष्पा ने आपरेशन से पहले ही दम तोड़ गई। माना जा रहा है कि पुष्पा के उपचार में देरी हो गई।
दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप की पुष्पा ने आपरेशन से पहले तोड़ दिया दम रूपनगर स्लम एरिया सदाव्रत में रहने वाला पुष्पा का परिवार डोनर के लिए बहुत दिनों से धक्के खा रहा था। जागरण की तरफ से पुष्पा के अजीब ब्लड ग्रुप की खबर प्रकाशित करने के बाद ब्लड डोनरों ने हाथ बढ़ाए। खून देने के लिए दैनिक जागरण से ही नहीं बल्कि पुष्पा के पिता काला सिंह से भी लोगों ने फोन कर संपर्क साधा। इसके बाद उसे पीजीआइ में दाखिल कराया गया।पढ़ें : आपका रक्त दुर्लभ बाॅम्बे ग्रुप का है तो बचा लें पुष्पा की जान
वहां टेस्ट के बाद ट्रांस्फ्यूजन डिपार्टमेंट ने पंचकूला में पुष्पा के लिए डोनर भी मुहैया करवाने की कार्रवाई आरंभ कर दी थी। पुष्पा की सर्जरी के वक्त डोनर को बुलाया जाना था। यही नहीं एक दर्जन संस्थाओं के नुमाइंदों ने साउथ से बॉम्बे ब्लड ग्रुप का डोनर या ब्लड उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया था।पढ़ें : जागरण की पहल के बाद पुष्पा के लिए जगी उम्मीद , दुर्लभ रक्त ग्रुप के कई दाता आए सामने
ये ब्लड बिना किसी कीमत के उपलब्ध करवाया जाना था। जबकि पहले पुष्पा के लिए डोनर ही नहीं मिल पा रहा था। पुष्पा के पिता काला सिंह व अन्य परिवार के सदस्यों को आस बंधी थी कि ब्लड ग्रुप के डोनर मिलने से पुष्पा की जिंदगी बच जाएगी लेकिन अंतत समय पर इलाज न होने से वह जिंदगी की जंग हार गई।
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