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COVID-19 पर हल्ला बोल, संदिग्ध मरीज की भीड़ में भी हो जाएगी पहचान, IIT ने बनाई डिवाइस

IIT Roper ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो भीड़ में भी कोरोना वायरस संदिग्ध मरीज की पहचान कर सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 25 Apr 2020 11:10 AM (IST)
COVID-19 पर हल्ला बोल, संदिग्ध मरीज की भीड़ में भी हो जाएगी पहचान, IIT ने बनाई डिवाइस
रूपनगर [अजय अग्निहोत्री]। COVID-19 को हराने के लिए विश्वभर में इंजीनियर, वैज्ञानिक, डॉक्टर और शोधकर्ता लगातार रिसर्च कर रहे हैं। आइआइटी रोपड़ (IIT Ropar) के इंजीनियरों ने भी इंफ्रारेड थर्मोग्राफी (IRT) पर विलक्षण काम किया है। इंजीनियरों ने ऐसा टेंपरेचर मैपिंग डिवाइस का प्रोटोटाइप (मॉडल) बनाया है, जिससे भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की पहचान तेज, सुगम और मानवीय दखलंदाजी के बिना रिमोट से संभव हो सकेगी।

IIT Ropar के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रवि बाबू मुल्लावेस्ला और इसी विभाग की पोस्ट डॉक्टर्ल रिसर्चर और एसएस ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु के एमएस सुरेश तथा उनकी टीम ने इसे बनाने में योगदान दिया है। इस रिमोट कंट्रोल डिवाइस को भीड़भाड़ वाले इलाकों के प्रवेशद्वार पर लगाया जा सकता है।

रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड, सिनेमा हॉल, मॉल आदि में इसका इस्तेमाल किया जाएगा तो डिवाइस प्रवेश द्वार से गुजरने वाले हर व्यक्ति की इंफ्रारेड तस्वीर लेगा। अगले दो सेकेंड में ये व्यक्ति के मुंह पर चिन्हित जगह का तापमान रिकॉर्ड कर फोटो के साथ संक्रमण, संदिग्ध व स्वास्थ्य की पूरी जानकारी केंद्रीय डेस्कटॉप के पास वायरलेस सिस्टम से भेज देगा। इससे संक्रमित व्यक्ति की आसानी से पहचान हो जाएगी। यह 160 गुणा 120 पिक्सल रेजोल्यूशन के सिस्टम से व्यक्ति के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगा।

सुरक्षित और तेज है रिमोट स्क्रीनिंग : डॉ. रवि बाबू

डॉ. रवि बाबू के मुताबिक कोविड-19 के मरीजों की पहचान के लिए IRT सुरक्षित, तेज और रिमोट स्क्रीनिंग बहुत ही लाभप्रद सिस्टम है। इससे बुखार, थकान, सांस की बीमारी और बहते नाक का तुरंत पता चल सकेगा। ये सिस्टम कहीं भी लगाया जा सकता है और पूरी तरह से सुरक्षित है। यह भीड़भाड़ में ज्यादा कारगर साबित होगा।

क्लीनिकल ट्रायल के लिए दिया न्योता

डॉ. रवि बाबू ने बताया कि आइआइटी रोपड़ में इस डिवाइस का प्रोटोटाइप क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार है। इसके क्लीनिकल ट्रायल के लिए आइआइटी प्रबंधन ने मेडिकल इंडस्ट्री को न्योता दिया है, ताकि इसे जल्द से जल्द इस्तेमाल में लाया जा सके।

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