एक ही नाम के चक्कर में बड़ी गलती हो गई। पुलिस स्वस्थ युवा को उठा लाई और उसे कोरोना वायरस मरीजों के साथ बैठा दिया गया।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 01 May 2020 01:29 PM (IST)
तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। सेहत विभाग की लापरवाही एक युवक पर भारी पड़ सकती है। एक ही नाम होने की उसे 'सजा' मिली और सेहत कर्मियों ने उसे कोरोना के मरीजों के साथ चार घंटे तक आइसोलेशन वार्ड में रखा। बाद में गलती का अहसास होने पर विभाग ने अपनी गलती सुधारी और युवक को आइसोलेशन वार्ड से बाहर किया।
जिले के सात मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई तो उनको लेने के लिए सेहत विभाग की टीमें पुलिस के साथ गईं। संक्रमित मरीजों में सुरसिंह गांव के दो लोगों के नाम शामिल थे। इनमें से 24 वर्षीय जतिंदर सिंह को 26 अप्रैल से अपने घर में ही क्वारंटाइन किया गया था। सेहत विभाग की टीम ने इसी नाम के अन्य युवक को गांव छिछरेवाल से उठा लिया। यह युवक 14 दिनों का होम क्वारंटाइन पूरा कर चुका था। बुधवार को सैंपल टेस्ट लिया गया था। वीरवार को सेहत विभाग की टीम ने गांव छिछरेवाल से जतिंदर सिंह को उठाया और उसके घर को भी सील कर दिया।
युवक पूरे गांव में शोर मचाता रहा कि वह पॉजिटिव नहीं है, परंतु उसकी एक न सुनी गई। थाना सदर प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह की मदद से युवक को उस एंबुलेंस में बिठाया गया, जिसमें पहले से एक कोरोना पॉजिटिव मरीज था। उसे आइसोलेशन वार्ड में अन्य कोरोना मरीजों के साथ रखा गया। अंत में युवक ने सिविल प्रशासन के अधिकारियों को फोन पर जानकारी दी, जिसके बाद सेहत विभाग के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई गई। दोपहर ढाई बजे जतिंदर को आइसोलेशन वार्ड से मुक्त करके विभाग ने गलती सुधारी और साढ़े तीन बजे गांव सुरसिंह से संबंधित उस मरीज को उठाया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव थी।
लगता है अब हो जाऊंगा कोरोना संक्रमित
गांव छिछरेवाल निवासी जतिंदर सिंह ने कहा कि सेहत विभाग की घटिया कारगुजारी के चलते अब शायद कोरोना पॉजिटिव हो जाऊं। उसे कोरोना पॉजिटिव मरीज वाली एंबुलेंस और आइसोलेशन वार्ड में कई कोरोना मरीजों के साथ रखा गया। युवक ने कहा कि यह बड़ी लापरवाही है। ऐसा करने वाले सेहत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
मैंने नहीं की लापरवाही : थाना प्रभारी
थाना झब्बाल के प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह कहते हैं कि गांव छिछरेवाल से उसी युवक को उठाया गया, जिसकी सेहत विभाग ने रिपोर्ट दी थी। सेहत विभाग की रिपोर्ट सही है या गलत इस बाबत कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि मैैंने लापरवाही नहीं की, केवल अपने फर्ज का पालन किया है।
सुधार ली है गलती : सिविल सर्जनसिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार कहते हैं कि गांव छिछरेवाल और सुरसिंह से संबंधित लोगों के नाम और आयु एक जैसी थी। इसी कारण गलती हुई। छिछरेवाल निवासी जतिंदर ने पहले कोई जानकारी नहीं दी। आइसोलेशन वार्ड में दाखिल होते ही उसने सपष्ट किया। फिर मोबाइल नंबर की जांच की गई। जांच में पता चला कि यह गलती से हुआ है।
सैंपल किट बदली, महिला को कोराना पॉजिटिव बता नवजात के साथ किया आइसोलेटसैंपल किट बदलने के कारण सात दिन पहले मां बनी महिला को कोरोना पॉजिटिव बता मंगलवार को नवजात के साथ आइसोलेट कर दिया गया। सेहत विभाग की इस लापरवाही के कारण मां-बच्चे ने तीन दिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ बिताया। वीरवार को दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आती तो आनन-फानन में मां-ब'चे को आइसोलेशन वार्ड से बदलकर जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
उक्त महिला की तीन दिन पहले ही सुरसिंह अस्पताल से डिलीवरी हुई थी और उसका स्वैब टेस्ट लिया गया। इसी टेस्ट के साथ उन लोगों का टेस्ट लिया गया जो श्री हजूर साहिब से लौटे थे। अस्पताल की लापरवाही के चलते महिला का नाम किसी और की स्वैब टेस्ट किट पर लिखा गया। उस किट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आते ही महिला व उसके ब'चे को सेहत विभाग ने सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल कर लिया।
विभाग ने जब महिला की ट्रैवल हिस्ट्री पर नजर मारी तो संदेह हुआ। बुधवार को उक्त महिला के साथ उसके दुधमुंहे ब'चे का भी टेस्ट लिया गया। वीरवार को दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। सिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि अब महिला और बच्चे का तीसरा टेस्ट किया जाएगा। तीसरी रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कहूंगा।
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