Jaipur Literature Festival 2022: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहले दिन उठा असहिष्णुता का मुद्दा
Jaipur Literature Festival 2022 जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आनलाइन सत्र शनिवार से शुरू हुआ। एक सत्र में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल ने वर्तमान में असहिष्णुता महात्मा गांधी व नेहरू युग के सार्वजनिक मूल्यों को खत्म करने का मुद्दा उठाया।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sat, 05 Mar 2022 07:43 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आनलाइन सत्र शनिवार से शुरू हुआ। एक सत्र में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल ने वर्तमान में असहिष्णुता (इनटोलरेंस) और महात्मा गांधी व नेहरू युग के सार्वजनिक मूल्यों को खत्म करने का मुद्दा उठाया। गीता सहगल से चर्चा करते हुए नयनतारा ने लेखकों की अवार्ड वापसी आंदोलन के पीछे गांधी, नेहरू युग के मूल्यों को खत्म कर सेंसरशिप को कारण बताया। उन्होंने कहा कि गांधी, नेहरू युग के सार्वजनिक मापदंडों और देश में स्थापित मूल्यों को खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं। इसी पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीफ ले जाने के झूठे आरोप में एक गरीब को मार दिया गया। ईद मनाने जा रहे एक 15 साल के बच्चे को हिंदुत्ववादियों की भीड़ ने मार दिया। तीन लेखकों की हत्या हुई, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। इन घटनाओं ने मुझे हिलाकर रख दिया है। इसके बाद मैंने साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाया।
असहिष्णुता खत्म करने के खिलाफ शुरू किया गया था अवार्ड वापसी आंदोलनः नयनतारा नयनतारा ने कहा कि लेखकों का अवार्ड वापसी आंदोलन हम जिस भारत को जानते हैं, उसे खत्म करने के खिलाफ था। नयनतारा ने कहा कि देश के स्थापित सार्वजनिक मूल्यों और असहिष्णुता खत्म करने के खिलाफ अवार्ड वापसी आंदोलन शुरू किया गया था। देश के स्वाधीनता आंदोलन में सभी का योगदान रहा है। आजादी के लिए लड़ने वालों ने कुछ मापदंड और मूल्य तय किए थे। सरकार अब जो कर रही है, उसको लेकर ज्यादातर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है। मी टू मूवमेंट गलत दिशा में चला गया था। उन्होंने कहा कि एक मामले ने मुझे झकझोर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न जैसा गंभीर आरोप लगाया था। बाद में उस पर दबाव बनाकर गया। उससे माफी मंगवाई गई। वह महिला प्रभावशाली नहीं थी, इसलिए उसे न्याय नहीं मिला।
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