अंग प्रत्यारोपण और फर्जी NOC मामले में वरिष्ठ चिकित्सकों को भेजा गया नोटिस, आमने-सामने बैठाकर होगी पूछताछ
राजस्थान की राजधानी जयपुर में अंग प्रत्यारोपण मामले में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( एसीबी ) और जयपुर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए फर्जी एनओसी के जिम्मेदार प्रशानिक अधिकारियों एवं वरिष्ठ चिकित्सकों को नोटिस दिया है । जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जार्ज जोसफ ने बताया कि इन पांचों लोगों को गुरूग्राम से जयपुर लाकर पूछताछ की जाएगी । उम्मीद है बुधवार तक इन्हे जयपुर लाकर पूछताछ शुरू होगी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में अंग प्रत्यारोपण मामले में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और जयपुर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए फर्जी एनओसी के जिम्मेदार प्रशानिक अधिकारियों एवं वरिष्ठ चिकित्सकों को नोटिस दिया है।
इन सभी से पूछताछ की जाएगी। अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी की जांच कर रही एसीबी ने जयपुर के तीन निजी अस्पतालों के चिकित्सकों व प्रबंधन से जुड़े लोगों से पूछताछ की है। वहीं, जयपुर पुलिस की एक टीम गुरूग्राम पहुंची है।
गुरुग्राम से जयपुर लाकर पूछताछ करेगी पुलिस
गुरूग्राम में पकड़े गए किड़नी-लिवर गिरोह के पांच दानदाता और वे लोग जिनके प्रत्यरोपण किया गया है, उनसे पूछताछ की गई है। जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जार्ज जोसफ ने बताया कि इन पांचों लोगों को गुरूग्राम से जयपुर लाकर पूछताछ की जाएगी। उम्मीद है बुधवार तक इन्हे जयपुर लाकर पूछताछ शुरू होगी। साथ ही जयपुर में एसीबी ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है,उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।
आमने-सामने बैठकर होगी पूछताछ
फर्जी एनओसी से जयपुर के जिन दो अस्पतालों फोर्टिस और ईएचसीसी में प्रत्यारोपण हुआ है, उनके प्रबंधन से जुड़े लोगों व चिकित्सकों को गिरफ्तार किए गए आरोपितों के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। इसके लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। पुलिस अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले में जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के रिकार्ड की भी जांच कर रही है।
एसीबी से भी पुलिस रिकार्ड मांगेगी। एसीबी ने एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह,फोर्टिस अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण के समन्वयक विनोद व गिरिराज एवं ईएचसीसी अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण समन्वयक अनिल जोशी को करीब दो सप्ताह पहले गिरफ्तार किया था।
कमेटी में शामिल चिकित्सकों की मिलीभगत
अब तक की जांच में सामने आया कि निजी अस्पतालों को एनओसी देने के मामले में एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की तीन साल से बैठक नहीं हुई। बिना बैठक के गौरव पैसे लेकर कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर से एनओसी जारी करता रहा। पुलिस व एसीबी यह जांच कर रही है कि कहीं कमेटी में शामिल चिकित्सकों की तो इसमें मिलीभगत नहीं थी।
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