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Jaipur Literature Festival 2022: शशि थरूर को उम्मीद, कांग्रेस से फिर जुड़ेंगे मतदाता

Rajasthan जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के तीसरे दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वीर सांघवी से बातचीत करते हुए कहा कि दल बदलने वाले नेताओं को मतदाता अब नकारेंगे। वह कांग्रेस से फिर जुड़ेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2022 09:28 PM (IST)
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शशि थरूर को उम्मीद, कांग्रेस से फिर जुड़ेंगे मतदाता। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के तीसरे दिन की शुरुआत शनिवार को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक और दलाई लामा के शिष्य राजीव मेहरोत्रा के ध्यान सत्र से हुई। सत्र में शामिल हुए श्रोताओं को तन, मन और आत्मा के बारे में बताया गया। इसके साथ ही संगीत के माध्यम से प्रेम, मानवता और विनम्रता के दर्शन को प्रस्तुत किया गया। योग और संगीत के बाद आयोजित हुए सत्रों में से एक में पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने विचार व्यक्त किए। इसमें उन्होंने वीर सांघवी से बातचीत करते हुए कहा कि दल बदलने वाले नेताओं को मतदाता अब नकारेंगे। वह कांग्रेस से फिर जुड़ेंगे।

आयोजन स्थल आमेर क्ला‌र्क्स होटल के दरबार हाल में हुए सत्र 'द एसेंशियल शशि थरूर' में उन्होंने अपनी साहित्य व राजनीतिक यात्रा, लेखन और निजी जीवन से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजनीति मेरे लिए कैरियर नहीं बल्कि लोगों से जुड़ने का माध्यम है। दल-बदल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरे कई साथी 2014 के बाद मोदी लहर के चलते दूसरे दल में शामिल हुए, लेकिन मैं अपने मतदाताओं के प्रति अब भी पूरी तरह से समर्पित हूं। राजनीति में विचारधारा और मूल्यों को त्यागना मेरी फितरत नहीं है। कुछ लोग राजनीति में भ्रमित हो रहे हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मतदाता एक दिन ऐसे नेताओं को नकारेंगे और कांग्रेस से फिर जुड़ेंगे।

राजनीतिक दर्शन पर थरूर ने कहा कि 1994 के उदारीकरण के बाद कांग्रेस की विचारधारा में परिवर्तन आया। विशेषकर गांधी-नेहरू परिवार से अलग हटकर कांग्रेस दिखाई दी, लेकिन अब भी कांग्रेस किन्हीं मायनों में वास्तविक स्थिति से अलग नजर आती है। मौजूदा राजनीतिक हालातों की चर्चा करते हुए थरूर ने कहा कि आज समाज की विचारधारा को बदला जा रहा है। लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। समाज में सांप्रदायिकता का जहर फैलाया जा रहा है। आजादी के पहले जिस तरह मुस्लिमों से हमारा दोस्ताना व्यवहार रहा है, उन्हें अब देश का गद्दार साबित करने की कोशिश की जा रही है । भारत गंगा-जमुनी तहजीब का देश है।

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