Rajasthan: सरदार पटेल की मूर्ति चोरी के मामले में राजस्थान के पूर्व मंत्री बरी, 15 साल बाद आया अदालत का फैसला
राजस्थान में बांसवाड़ा की अदालत ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति चोरी के 15 साल पुराने मामले में तत्कालीन भाजपा सरकार में चिकित्सा राज्यमंत्री रहे भवानी जोशी को बरी कर दिया। साल 2008 में बांसवाड़ा शहर के गोपीराम अग्रवाल ने भवानी जोशी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
संवाद सूत्र, उदयपुर। राजस्थान में बांसवाड़ा की अदालत ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति चोरी के 15 साल पुराने मामले में तत्कालीन भाजपा सरकार में चिकित्सा राज्यमंत्री रहे भवानी जोशी को बरी कर दिया। साल 2008 में बांसवाड़ा शहर के गोपीराम अग्रवाल ने भवानी जोशी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
29 नवंबर 2008 का है मामला
भवानी जोशी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 29 नवंबर 2008 की सुबह बांसवाड़ा के जवाहर पुल के निकट प्रस्तावित उद्यान से सरदार वल्लभ भाई पटेल की आकर्षक काले रंग के ग्रेनाइट से बनी मूर्ति उठाई और कुशलबाग पैलेस ले गए। उसी शाम पांच बजे उनकी हूबहू ऐसी प्रतिमा रख दी गई, जिसकी क्वालिटी घटिया थी।
अदालत ने 15 साल बाद सुनाया फैसला
इस मामले में चली लंबी सुनवाई के बाद अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार को भवानी जोशी को चोरी के आरोप से मुक्त कर दिया। अदालत ने आईपीसी की धारा 448 के तहत संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी किया है।
फैसले पर क्या बोले पूर्व मंत्री?
इस मामले में पूर्व मंत्री भवानी जोशी का कहना है कि देर से सही, सच्चाई सामने आई। यह पहला मामला नहीं था, जब गोपीराम अग्रवाल ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए थे, लेकिन वह सभी में बरी हो गए। यह उनके खिलाफ आखिरी मामला था, जो अदालत में विचाराधीन था।
उल्लेखनीय है कि जब यह मामला दर्ज किया गया था, तब राज्य में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी और भवानी जोशी राज्य के चिकित्सा राज्यमंत्री थे। इसके ठीक 13 दिन बाद राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन गई थी। भवानी जोशी ने इसके बाद राजनीति से संन्यास ले लिया था। वह राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के भतीजे हैं।