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Udaipur News: 75 घंटे चले रेस्क्यू के बाद कुएं से निकाला गया बच्ची का शव, 3 दिन पहले 80 फीट गहरे कुएं में कूदी थी मां

शहर के समीप बड़गांव क्षेत्र के लोयरा गांव में नागरिक सुरक्षा विभाग और एसडीआरएफ की टीम 75 घंटे चलाए संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 4 माह की बालिका का शव निकालने में सफल रही । 3 दिन पूर्व शुक्रवार को लोयरा गांव की 30 वर्षीय विवाहिता अपनी 4 महीने की बेटी के साथ घर से दूध लेने निकली थी ।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Published: Sun, 21 Jan 2024 09:07 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2024 09:07 PM (IST)
75 घंटे चले रेस्क्यू के बाद कुएं से निकाला बच्ची का शव। प्रतीकात्मक फोटो।

जागरण न्यूज नेटवर्क, उदयपुर। शहर के समीप बड़गांव क्षेत्र के लोयरा गांव में नागरिक सुरक्षा विभाग और एसडीआरएफ की टीम 75 घंटे चलाए संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 4 माह की बालिका का शव निकालने में सफल रही।

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रविवार सुबह दस बजे उसका शव बाहर निकाल लिया गया। 3 दिन पहले 18 जनवरी को इस बालिका को गोद में लेकर उसकी मां अस्सी फीट गहरे कुएं में कूद गई थी। उसकी मां का शव उसी दिन निकाल लिया गया लेकिन बालिका का शव नहीं मिल पाया, जिसके चलते नागरिक सुरक्षा बल और एसडीआरएफ की टीम कुएं को खंगालने में जुटी थी।

क्या है पूरा मामला?

3 दिन पूर्व शुक्रवार को लोयरा गांव की 30 वर्षीय विवाहिता अपनी 4 महीने की बेटी के साथ घर से दूध लेने निकली थी। घंटों बीतने के बाद वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसको तलाशा। उसी दौरान एक महिला के शव के कुएं में पड़े होने की जानकारी मिली, जिस पर नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम ने शव को बाहर निकाला और उसकी पहचान उसी महिला के रूप में हुई, जबकि उसकी बेटी का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।

सिविल डिफेंस के साथ एसडीआरएफ की टीम ने चलाया ऑपरेशन

ग्रामीणों को अनुमान था कि महिला अपनी बेटी के साथ कुएं में कूदी होगी। इस पर बालिका के शव बरामद करने के लिए कुएं को खंगालना शुरू किया गया। घटना के दिन देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया, साथ ही कुएं का पानी खाली करना शुरू किया गया। सिविल डिफेंस के साथ एसडीआरएफ की टीम संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए हुए थी।

75 घंटे के बाद मिला बालिका का शव

18 जनवरी को देर रात एक बजे तक ऑपरेशन चलाया गया, इसके बाद 19 जनवरी को सुबह सात बजे से रात गहराने तक तथा बीस जनवरी को भी दिन भर ऑपरेशन जारी रखा गया। आखिरकार 3 दिन से जारी 75 घंटे के प्रयासें के बाद रविवार सुबह दस बजे बालिका का शव कुएं में 45 फीट की गहराई में चट्टानों के बीच फंसा मिला, जिसे एमबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। तो वहीं उसकी मां के शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर पहले ही घर वालों के सुपुर्द किया जा चुका था।

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फुल बॉडी हार्नेस पहनकर घंटों तक पानी में तलाशा जब मिला शव

नागरिक सुरक्षा विभाग के डीप डाइवर विजय नकवाल 45 फीट गहरे पानी में सिर से पैर तक फुल बॉडी हार्नेस पहनकर उतरे। यह ऐसा सेट है, जिसे पहनकर व्यक्ति पानी में जब अंदर उतरता है तो वह चेयर पर बैठने जैसी स्थिति में दिखाई पड़ता है। उसके बाद स्कूबा सेट लगा होता है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर होने से पानी के अंदर सांस लिया जा सकता है।

साथ ही चेहरे पर हाई टेक्निक मॉक्स लगा रहता है, जिसे पहनकर पानी के अंदर आंखों से साफ देख सकता है। कई घंटों तक डीप डाइवर ने पानी में रहकर बच्ची को खोजने में सफलता हासिल की। उनकी टीम में प्रकाश राठौड़, भवानी शंकर, वाहन चालक कैलाश मेनारिया और एसडीआरएफ के आठ जवान थे।

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