100 यज्ञों का फल देती है अपरा एकादशी, पांडवों ने इस व्रत को करके जीता था महाभारत का युद्ध
Apar Ekadashi 2025 मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को 100 यज्ञों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सुख-समृद्धि मिलने के साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है। इस साल अपरा एकादशी व्रत 23 मई 2025 शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। व्रत का पारण 24 मई को किया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Apar Ekadashi 2025: हर माह में दो एकादशी होती हैं और साल में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं। सभी एकादशी के व्रत का अलग-अलग फल मिलता है। इसमें भी देवशयनी और देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है। अपरा एकादशी व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को रखा जाता है।
इस साल अपरा एकादशी व्रत 23 मई 2025 शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को 100 यज्ञों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सुख-समृद्धि मिलने के साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है।
पुराणों में कहा गया है कि एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी संकट नहीं आते हैं। वहीं, धार्मिक मान्यता है कि गंगा के किनारे पितरों को पिंडदान करने से जो फल मिलता है, वही पुण्य अपरा एकादशी के व्रत से भी मिलता है।
सुख समृद्धि देता है यह व्रत
इतना ही नहीं सूर्यग्रहण में स्वर्णदान करने से मिलने वाले फल की तुलना भी अपरा एकादशी का व्रत के फल से की गई है। कहते हैं कि पांडवों ने इस व्रत को करके महाभारत का युद्ध जीता था। इस व्रत को करने से अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
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अपरा एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन और धान्य से भरपूर घर-परिवार मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही यदि कोई व्यक्ति इस व्रत को करता है, तो प्रेत योनि में गए उसके पूर्वजों को भी इस एकादशी के पुण्य से प्रेत योनि से मुक्ति मिल जाती है।
अपरा एकादशी व्रत पारण का मुहूर्त
अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 5:26 मिनट से सुबह 8:11 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान भगवान विष्णु की उपासना करते हुए व्रत को खोला जा सकता है।
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