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12 साल बाद हनुमान जयंती पर यह विशेष योग, इस तरह शीघ्र पूर्ण होगी मनोकामना

इस वर्ष हनुमान जयंती पर तीन विशेष योग के साथ मनेगी। वहीं संकट मोचन की जयंती चंद्रग्रहण मुक्त मनेगी।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2016 09:14 AM (IST)

इस वर्ष हनुमान जयंती पर तीन विशेष योग के साथ मनेगी। वहीं संकट मोचन की जयंती चंद्रग्रहण मुक्त मनेगी। चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार 22 अप्रैल को आ रही हनुमान जयंती में वज्र योग, सिद्धी योग और राज योग बनने के साथ ही उधा के सूर्य, उधा के शुक्र एवं सिंह राशि में गुरु तथा चंद्र व सूर्य की परस्पर दृष्टि बन रही है। हनुमान जयंती पर यह विशेष योग 12 साल बाद बना है।

ज्ञात हो कि 2013 से लगातार हनुमान जयंती पर चंद्रग्रहण के योग बन रहे थे। लेकिन इस बार चंद्रग्रहण मुक्त रहेगी। इससेे पूजा-अर्चना और आराधना में कोई संकट नहीं आएगा। इससे श्रद्धालुओं मंे हर्ष है। विशेष संयोगों के कारण इस दिन हनुमानजी की आराधना से श्रद्धालुओं की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
कब कौन सा योग
हनुमान जयंती पर 22 अप्रैल को वज्र योग चित्रा नक्षत्र में सुबह 6.11 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन स्वाति नक्षत्र में सुबह 8.48 बजे तक रहेगा।
शुक्रवार सुबह 6.11बजे सूर्योदय होगा। इसी समय हनुमानजी का जन्म माना है।
सिद्धी योग शुक्रवार सुबह 10.41 से शाम 5.37 बजे तक तथा राज योग सूर्योदय से दोपहर 3.08 बजे तक रहेगा।
इसके साथ ही उच्च के सूर्य, उच्च के शुक्र एवं सिंह राशि में गुरु तथा चंद्र व सूर्य की परस्पर दृष्टि बन रही है।
योग और योग का महत्व-
वज्र योग में साधक को सुरक्षा कवच प्रदान होता है। हनुमानजी इसी योग में जन्मे थे।
वज्र और सिद्धी योग की युति होने से राज योग का निर्माण होता है। यह राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए फलदायी है।
सिद्धी योग में उपासना करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है। हनुमानजी अष्ट सिद्धी के दाता हैं। इसलिए हनुमान जयंती पर इस योग में उपासना करना लाभदायक रहेगा।

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