जीवन का आधार है गीता
वृंदावन, जागरण संवाददाता। गंगा, यमुना, गीता हमारे जीवन का आधार हैं, अगर आस्था से हम इसे आत्मसात करें तो सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। यह बात पूर्व राज्यमंत्री रविकांत गर्ग ने गीता जयंती के मौके पर सेवाकुंज मार्ग स्थित भागवत निलय में आयोजित समारोह में कही। निम्बार्क मठ के सेवायत वृंदावन बिहारी ने गीता के समसामयिक महत्व पर प्रक
By Edited By: Updated: Sun, 15 Dec 2013 03:36 PM (IST)
वृंदावन, जागरण संवाददाता। गंगा, यमुना, गीता हमारे जीवन का आधार हैं, अगर आस्था से हम इसे आत्मसात करें तो सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
यह बात पूर्व राज्यमंत्री रविकांत गर्ग ने गीता जयंती के मौके पर सेवाकुंज मार्ग स्थित भागवत निलय में आयोजित समारोह में कही। निम्बार्क मठ के सेवायत वृंदावन बिहारी ने गीता के समसामयिक महत्व पर प्रकाश डाला। बाबा गोपालदास ब्रजवासी ने गीता पर अपने अनुभव सुनाए। ब्रह्मर्षि राजा बाबा ने कहा कि गीता का प्रादुर्भाव विषम परिस्थिति में हुआ। अत: आज मानव की विषम परिस्थितियों को सम करने की क्षमता श्रीमद् भागवत गीता में ही है। संगोष्ठी में शिक्षाविद् मोहनस्वरूप भाटिया, आचार्य केशवदेव शास्त्री, चौ. हीरा सिंह, मधुमंगल शुक्ला, डॉ. ओम, डॉ. अनिल चतुर्वेदी, केजी गुप्ता ने गीता पर अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम संयोजिका कृति शर्मा ने गीता ज्ञान प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को बधाई देते हुए विद्यार्थी जीवन में गीता के एक श्लोक को पढ़ने पर जोर दिया। पढ़ें: ज्ञान से होती है संत की पहचान
कार्यक्रम के दौरान गीता ज्ञान प्रतियोगिता में विजयी रौनक, रिचा, दीप्ति आचार्य को अतिथियों ने गीता ग्रंथ एवं पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मान किया। इस दौरान श्यामसुंदर गोस्वामी, यमुना प्रसाद गोस्वामी, मुकेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, भारत भूषण उपाध्याय, आशीष पाठक, अनुराग पाठक, राजकिशोर शुक्ला, विमला पारेख, पुण्यप्रकाश शर्मा, वंशी शुक्ला आदि मौजूद रहे। स्वागताध्यक्ष डॉ. रामकुमार शर्मा ने अतिथियों का सम्मान किया।
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