Mesh Sankranti 2025: अप्रैल महीने में कब है मेष संक्रांति? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो सिंह राशि (Mesh Sankranti 2025 Date) के स्वामी आत्मा के कारक सूर्य देव हैं। वहीं आराध्य भगवान विष्णु हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। सूर्य देव की कृपा से जातक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही जातक का पिता जी के साथ संबंध मधुर रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आत्मा के कारक सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही सूर्य देव की साधना की जाती है। सूर्य देव की साधना करने से साधक को आरोग्यता का वरदान मिलता है।
ज्योतिष करियर में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की उपासना करने की सलाह देते हैं। कुंडली में सूर्य मजबूत रहने से जातक अपने जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करता है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी किए जाते हैं। आइए, मेष संक्रांति की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)
वर्तमान समय में सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 13 अप्रैल तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। 14 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर सूर्य देव मेष राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव एक महीने तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
मेष संक्रांति शुभ मुहूर्त (Meen Sankranti Shubh Muhurat)
सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस प्रकार 14 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान के लिए पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक है।
मेष संक्रांति शुभ योग (Meen Sankranti Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मेष संक्रांति पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में सूर्य देव की उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। मेष संक्रांति पर शिववास योग का संयोग सुबह 08 बजकर 25 मिनट तक है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी संयोग बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। इसके साथ ही कौलव, तैतिल और गर करण के संयोग हैं। इन योग में सूर्य देव की उपासना करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलेगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 07 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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